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अर्हम्
शुभाशंसा
'शान्तसुधारस भावना' एक सुन्दर ग्रन्थ है। संस्कृतभाषा के विद्यार्थियों के लिए तो इसे कंठस्थ करना बहुत उपयोगी है। इसके अर्थ की अनुप्रेक्षा से वैराग्यभाव की वृद्धि हो सकती है।
शासनश्री मुनिश्री राजेन्द्रकुमारजी स्वामी ने इसका अनुवाद और सम्पादन कर इसे बहुत सुबोध और सरस बना दिया है। अध्यात्मरसिकों को यह ग्रन्थ पवित्र सम्पोषण प्रदान करे। शुभाशंसा ।
आचार्य महाश्रमण
केलवा (राजसमन्द) २७ सितम्बर, २०११