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तृतीय अध्याय पाश्चात्य एवं जैन दर्शन का प्रस्थान : समन्वय की भूमिका
• देकार्त
• ह्यूम
• काण्ट
• बर्कले
• देहात्मवाद की समस्या
• अन्तर्क्रियावाद
निमित्तवाद
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•
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समानान्तरवाद
पूर्व स्थापित सामंजस्य
पाश्चात्य देहात्म सम्बन्ध, जैन दर्शन