________________
•
• पाश्चात्य देहात्म सम्बन्ध, जैन दर्शन
चतुर्थ अध्याय
कर्मवाद; उसका स्वरूप और वैज्ञानिकता
• भारतीय दर्शन में कर्म
मनोविज्ञान एवं कर्म
·
• कर्म की विभिन्न अवस्थाएं
• कर्मों की विपाक प्रक्रिया
आधुनिक विज्ञान एवं कर्म
कर्मशास्त्र और शरीर विज्ञान
•
पूर्व स्थापित सामंजस्य
·
• आत्मा का आन्तरिक वातावरण, परिस्थिति के घटक
• जैन कर्मवाद, समन्वयात्मक चिन्तन
कर्मवाद किसका समर्थक, नियतिवाद या पुरुषार्थवाद ?
• कर्मवाद का इतिहास
• जैन कर्म सिद्धांत और उसका विकास
• जैन कर्मवाद की लाक्षणिक विशेषताएं
क्लोनिंग तथा कर्म सिद्धांत
·
·
• कर्म सिद्धांत और क्वान्टम् यांत्रिकी
• जैन कर्म सिद्धांत की छः अवधारणाएं
पंचम अध्याय
पुनर्जन्म : अवधारणा और आधार
• कर्म - पुनर्जन्म
• भारतीय दर्शनों में पुनर्जन्म
·
पुनर्जन्म का कारण
पुनर्जन्म : अस्तित्व के आधार बिन्दु
•
पुनर्जन्म : परकाय प्रवेश
• परकाय प्रवेश की विधि
• कर्म सिद्धांत और शारीरिक चिह्न
• मृत्यु : एक मीमांसा
·
आधुनिक विज्ञान की दृष्टि में • पाश्चात्य विद्वान और मृत्यु
•
• उन्नीस
८९-१३६
१३७–१७०