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प्रथम अध्याय
आत्मा की दार्शनिक पृष्ठभूमि : अस्तित्व का मूल्यांकन
• दर्शन शब्द की व्युत्पत्ति और अर्थयात्रा
दर्शन - विज्ञान का सम्बन्ध
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अनुक्रम
• आत्म-परिमाण
• आत्मा के भेद - प्रभेद
• जीव का उद्गम कैसे ?
• आत्मा की व्युत्पत्ति
• आत्मा के अभिवचन
• जैन दर्शन में अस्तित्व सिद्धि के ठोस आधार
द्वितीय अध्याय
आत्मा का स्वरूप : जैन दर्शन की समीक्षा
• बौद्ध दर्शन - जैन दृष्टिकोण
• सांख्य दर्शन - जैन दर्शन
मीमांसा दर्शन - जैन दर्शन
अद्वैत वेदान्त - जैन दर्शन
• औपनिषदिक चिन्तन - जैन दर्शन
चार्वाक एवं जैन दर्शन
•
• द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद, आस्तिकवादी दर्शन
•
तृतीय अध्याय
पाश्चात्य एवं जैन दर्शन का प्रस्थान : समन्वय की भूमिका
• दे
• ह्यूम
• काण्ट
• बर्कले
देहात्मवाद की समस्या • अन्तर्क्रियावाद निमित्तवाद
• समानान्तरवाद
अठारह
१-३४
३५-६२
६३-८८