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१२४. गुरुवाणी री करी अवज्ञा १२५. वल्कलचीरी १२६. घटना अजब 'मदारी खां' री १२७. चूरू मुस्लिम साथ मोरचो १२८. परम कृपास्पद पृथ्वी मुनि नै १२६. मगन-स्हाज में मनोभेद की १३०. सोहन चूरू चौथमल्ल मुनि १३१. बीदासर में कइ मुनियां री १३२. छियांसी चंदेरी चौमासै री १३३. स्व कर 'भिक्षुशब्दानुशासनं' १३४. तनरोगी री सेवा मनरोगी नै १३५. इंगित री अवहेलना नै १३६. ल्यावो 'लिखतां रो पूठो' १३७. पुस्तक-पडिलेहण रो प्रकरण १३८. गायक जती हुलासजी १३६. रामधीन-रूपां जती- जतणी १४०. अवसर री सेवा सझी १४१. नाजिम वृद्धीचंदजी १४२. श्रुत-मर्मज्ञ गणेशजी १४३. अंतरंग गुरुदेव रा १४४. दूगड़ मोतीलालजी १४५. गोठीजी री नियमनिष्ठता १४६. बिखऱ्या पेच भले पगड़ी रा १४७. सुजाण खारड़ और गुलाब १४८. नव हजार गाथां री लागत १४६. फूलां जिसी करकशा नै १५०. दो-दो पोथी रो पडिलेहण १५१. किण मुख पाऊं खीर? १५२. छीन सकै छिन में गुरू १५३. अष्ट संपदा १५४. षोडश उपमा १५५. आगम में आचार्य रा
परिशिष्ट-१ / २६५