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मनुहार । संचार । ।
३७. सत्ताईसा स्यूं इकतीसा मासखमण सार्ध-शतक श्री गुरुबरतारे आत्म-शक्ति ३८. बत्तीसां स्यूं इकचाली तक बड़ा थोकड़ा भाल । छव युत बीस किया मुनि श्रमणी पूज्य प्रभाव विशाल । । ३६. तक्रागार दिवस सेंताली लघुसिंह पाटी तीन । एक संत इक दो परपाटी दो सति चौथी चीन ।। ४०. नान्हा-मोटा और थोकड़ा कुण कर पावै संघप्रभावक तीव्र तपस्या कालू पूज्य ४१. दो-दो मासखमण संलेखन ऊपर
पंद्रह दिन अरु दोय मुहूरत दो मुनि गुरु-बरतार ।। ४२. इकचाली गुणचाल दिवस री धुर संलेखन धार ।
तीस दिवस दो घंटा अनशन दो श्रमणी सुखकार ।। ४३. सात तीस दिन रो संथारो एक सती' उल्लेख । भारिमाल - बरतारा पाछे श्रमणी गण में देख । । ४४. दीक्षा - अनुमति पावण कीन्हो सागारी संधार । दिवस इकोत्तर आयू पूर््यो रतनी दृढ़ता धार ।। ४५. धर्मसंघ पर कई उपद्रव उठ्या कसौटी-रूप ।
माप ।
प्रताप ।।
अनशनकार ।
दुःस्थ मनोरथ जल- बुबुदवत शान्त सकल अनुरूप ।। ४६. जब्बलपुर कोरट में साक्षी मान्या द्वेषी लोग
१. साध्वीश्री छगनांजी (रासीसर )
२. देखें प. १ सं. ७८
चम्पक मुनि अनुकूल फैसलो पूज्य प्रभाव अमोघ । । ४७. शिशु-दीक्षा री रोक राज्य स्यूं होणी चावै साव | दिल्ली इलाबाद जोधाणै कौंसिल रा प्रस्ताव ।। ४८. प्रबल प्रयत्न कियो श्रावक जन रोकण हस्तक्षेप I पूज्य-प्रतापे मिली सफलता धर्मनीति
निर्लेप |
मन्त्र ।।
४६. जन-गणना में तेरापथ रो खानो रख्यो राखी श्रावक संघ सजगता कालू करुणा ५०. बालक वृद्ध अरोगी रोगी सबनै संयम खूब समाप्यो जीवन आप्यो कालू भव-जल- पाज ।।
साझ ।
स्वतंत्र '
शिखा-२ / २३६