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है, जिसमें वर्तमान में 45 उच्च-शिक्षित युवकों को मुनि-दीक्षा एवं ऐलक, क्षुल्लक-दीक्षा देकर उनके जीवन को तपोमय बनाया है। इसी तरह करीब 27 बहनों को आर्यिका-दीक्षा दे चुके हैं। आपका पूरा संघ कठोर तप:साधना में संलग्न रहता है। आपके दो भाई, पिताजी, माताजी एवं दोनों बहनों ने मुनि एवं आर्यिका-व्रत धारण कर लिये थे।
आचार्यश्री विशाल साहित्य के लेखक एवं निर्माता हैं। आपके स्वरचितसाहित्य, अनूदित-साहित्य, प्रवचन-संग्रह एवं स्फुट रचनायें हैं। गणधराचार्य कुंथुसागर जी58
आपका जन्म 01 जून 1947 तद्नुसार ज्येष्ठ शुक्ल 13 वि.सं. 2003 को 'बाठेड़ा' (उदयपुर) राजस्थान में हुआ। आपके पिताश्री पं. देवचन्द जी एवं माताजी का नाम सोहनी देवी था। जन्म नाम 'कन्हैया लाल' रखा गया। आपकी मातृभाषा "हिन्दी' रही हैं 21 वर्ष की आयु में आपने 9 जुलाई, 1967 को 'मुनि-दीक्षा' धारण की। आपके 'दीक्षा-गुरु' आचार्य महावीरकीर्ति जी थे। सन् 1972 में आपको 'गणधर-पद' एवं 1980 में आपको 'आचार्य-पद' प्रदान किया गया।
तब से देश के विभिन्न नगरों एवं गाँवों में आप निरन्तर विहार कर रहे हैं। आचार्य वर्धमान सागर जी
वर्तमान में आचार्य शांतिसागर (दक्षिण) की परम्परा में पद पर प्रतिष्ठित पाँचवे आचार्य वर्धमान सागर का जन्म 'सनावद' (मध्यप्रदेश) में हुआ था। आपके पिताजी का नाम कमलचन्द्र जी था। आपने बी.ए. प्रथम वर्ष तक शिक्षा प्राप्त की। आपने 'श्रीमहावीर जी' में फाल्गुन शुक्ल अष्टमी वि. सं. 2025 में आचार्य धर्मसागर जी से 'मुनि-दीक्षा' प्राप्त की थी। आप पर कितने ही उपसर्ग आते रहे। एक बार आपकी आँखों की ज्योति भी चली गई थी। लेकिन आपकी अपूर्व जिनेन्द्र-भक्ति से आँखों की ज्योति पुनः आ गई। यह एक चमत्कार ही था। ग्रंथों का स्वाध्याय, लेखन एवं प्रवचन में आपको विशेष दक्षता प्राप्त हो गई है।
आचार्य अजितसागर जी के समाधिमरण के पश्चात् आपको 'आचार्य-पद' पर प्रतिष्ठित किया गया। आचार्य बनने के पश्चात् आपने दक्षिण-भारत में विहार किया। वर्ष 1993 में आपने भगवान् बाहुबलि गोम्मटेश्वर के महामस्तकाभिषेक में लाखों भक्तों को आशीर्वाद दिया। वर्तमान में आचार्य वर्द्धमान सागर जी राजस्थान में विहार कर रहे हैं। उपाध्याय ज्ञानसागर जी महाराज - उपाध्याय ज्ञानसागर जी का जन्म 'मुरैना' (मध्यप्रदेश) में वैशाख शुक्ला द्वितीया के शुभदिन हुआ। उनके पिता का नाम शांतिलाल एवं माता का नाम अशर्फी
भगवान् महावीर की परम्परा एवं समसामयिक सन्दर्भ
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