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२०२ अलबेली आम्रपाली
सभी गहरे विचारों में डूब गए।
सिंहनायक ने कहा- "सुनंद ! तुम्हारा अनुमान कितना यथार्थ है, मैं नहीं कह सकता । परन्तु एक प्रश्न खड़ा होता है कि अमुक-अमुक व्यक्तियों के पास विषकन्या को भेजने का मार्ग क्या बना होगा ? बिबिसार के जाने के पश्चात् वह विषकन्या जो अत्यन्त अपरिचित है, शीलभद्र के पास कसे गई होगी? हम सब शीलभद्र को जानते हैं । वह ऐसा क्षुद्र तो था ही नहीं कि अपरिचित स्त्री के प्रति आसक्त हो जाए ?"
महाबलाधिकृत ने पूछा--"वैद्य राज के अभिमत के अनुसार यह कार्य विषकन्या द्वारा संपादित हुआ है, क्या यह सही है ?"
"हां, इसमें कोई संदेह नहीं है ।" गणनायक ने कहा ।
"तो फिर हमें उसको खोजने का प्रयत्न करना चाहिए , शीलभद्र के पास वह कैसे पहुंची होगी अथवा उसको किसने वहां भेजा होगा, यह प्रश्न बाद का है। सुनंद का अनुमान व्यर्थ नहीं है। क्योंकि मगधेश्वर प्रसेनजित वर्षों से यह आशा लिये बैठे हैं कि वैशाली को अपने राज्य में मिला लिया जाए। यह आशा सहजता से फलित नहीं हो सकती। इसलिए उन्होंने इस षड्यंत्र के द्वारा अपने राज्य के महामूल्यवान रत्नों को नष्ट करने की बात सोची हो । ऐसा होने पर ही वैशाली पर विजय पाई जा सकती है, अन्यथा नहीं। इस दृष्टि से देखने पर बिंबिसार जैसे चालाक युवराज को यह काम सौंपा होगा। इसलिए वे अपने साथी के साथ छिटक गए हैं । किन्तु उनका षड्यंत्र तो यही रहा है । उनके षड़यंत्र का मुख्य घटक है विषकन्या। संभवतः उसको कहीं गुप्त रखा है। सप्तभूमि प्रासाद में वह रह रही हो, यह भी अमुमान किया जा सकता है। हमें अब विषकन्या की ही खोज करनी चाहिए।"
महाबलाधिकृत के इन विचारों से सभी सहमत हो गए और यह निर्णय किया गया कि सिह सेनापति स्वयं आम्रपाली से जाकर मिलें और कुछ रहस्य ज्ञात करें।
सिंहनायक ने आश्चर्य के साथ कहा- "अरे ! एक बात तो हम भूल ही गए । राजगृह से एक नर्तकी यहां आई हुई है।"
तत्काल सुनंद बीच में ही बोल उठा-"हां, देवी कादंबिनी यहां आई हुई है। वह नर्तकी है। यदा-कदा नर्तन का आयोजन भी होता रहता है । मैं उससे दो बार मिल चुका हूं। वह मगध की नहीं, गांधार की है। राजगृह में रानी त्रैलोक्यसुन्दरी के एक राजकुमार को सर्प ने काट खाया तब वहां राज्य में शोक मनाया गया था। इसीलिए कादंबिनी यहां आई है। वह नवयुवती है । मुझे वह सर्वथा निर्दोष लगती है, क्योंकि वह लोगों से संपर्क रखती है। वह दास-दासियों के बीच रहती है। कोई-कोई युवक उससे मिलता है। कोई भी विषकन्या इस