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नाम, (4) पीतवर्ण नाम और (5) श्वेतवर्ण नाम। जिस कर्म के उदय से शरीर कृष्णादि वर्ण वाला होता है। उसे उसी वर्ण नाम कर्म से जाता है।
पुकारा
958. गंध नाम कर्म किसे कहते हैं?
उ. शरीर की गंध पर प्रभाव डालने वाले कर्म को गंध नाम कर्म कहते हैं। गंध नाम कर्म के दो भेद हैं— सुगन्ध नाम कर्म और दुर्गंध नाम कर्म ।
959. सुगन्ध नाम कर्म और दुर्गन्ध नाम कर्म किसे कहते हैं ?
उ.
1. सुगंध नाम कर्म — जिस कर्म के उदय से जीव के शरीर में कस्तुरी, गुलाब, चंदन आदि जैसी सुगंध हो, उसे सुगंध नाम कर्म कहते हैं। 2. दुर्गन्ध नाम कर्म — जिस कर्म के उदय से जीव के शरीर में लहसुन, कीचड़ आदि जैसी दुर्गंध होती हो उसे दुर्गंध नामकर्म कहते हैं।
960. रस नाम कर्म किसे कहते हैं?
उ. शरीर के रस पर प्रभाव डालने वाले कर्म को रस नाम कर्म कहते हैं। रस नाम कर्म की उपप्रकृतियां पांच हैं— तिक्त रस नाम कर्म, कटु रस नाम कर्म, कषाय रस नाम कर्म, आम्ल रस नाम कर्म, मधुर रस नाम कर्म। जिस कर्म के उदय से शरीर तिक्तादि रस वाला होता है, उसे उसी रस नाम कर्म से पुकारा जाता है।
961. स्पर्श नाम कर्म किसे कहते हैं ?
उ. शरीर के स्पर्श पर प्रभाव डालने वाले कर्म को स्पर्श नाम कर्म कहते हैं। इसकी आठ उपप्रकृतियां हैं— (1) गुरु स्पर्श नाम कर्म, (2) लघु स्पर्श नाम कर्म, (3) मृदु स्पर्श नाम कर्म, (4) कर्कश स्पर्श नाम कर्म, (5) शीत स्पर्श नाम कर्म, (6) उष्ण स्पर्श नाम कर्म, (7) स्निग्ध स्पर्श नाम कर्म, (8) रुक्ष स्पर्श नाम कर्म ।
962. वर्ण-गंध-रस - स्पर्श नाम कर्म के कुल कितने भेद हैं? उ. बीस।
963. बीस प्रकृतियों में शुभ कितनी और अशुभ कितनी ?
उ.
* शुभ प्रकृतियां—11 - (1) रक्त वर्ण, (2) पीत वर्ण, (3) श्वेत वर्ण, (4) सुगन्ध, (5) कषाय रस, (6) आम्ल रस, (7) मधुर रस, (8) लघु स्पर्श, (9) मृदु स्पर्श, (10) स्निग्ध स्पर्श, (11) उष्ण स्पर्श।
कर्म-दर्शन 203