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33. उत्तराध्ययन; 21/24 34. सर्वार्थसिध्दि ; 6/3 की टीका 35. समयसार; 3.146 36. (क) पातंजल योग, 2/13 36. (ख) पातंजल योग, 2/14 तेह्लादपरितापफला:पुण्यापुण्यहेतुत्वात्।। 37. पातंजल योग, 2/14 38. (क) परमात्म प्रकाश 2.63, नवपदार्थ; पृ. 248 38. (ख) नवपदार्थ पुण्यढ़ाल; 52/59 39. नवतत्वः आधुनिक संदर्भ; पृ.18 40. विशेषावश्यक भाष्य; गा. 2005 41. परमात्म प्रकाश वृत्ति; 57/58 42. परमात्म प्रकाश; 2/60 43. सूत्रकृतांग; 1/12/15 न कम्मुणा कम्म खति बाला, अकुम्मणा कम्म खवेंति धीरा। 44. दर्शन और चिन्तन; खण्ड 2 पृ. 226 45. कुन्दकुन्दाचार्य, उद्धृत नवपदार्थ, पृ. 153 46. प्रशमरति प्रकरण ;गाथा, 219 47. सूत्रकृतांग वृत्ति; 2/5 48. स्थानांग वृत्ति; 9 49. भगवती वृत्ति; 1/7 50. सूत्रकृतांग वृत्ति; 1/6 51. समयसार; 3/146-147 52. पातंजल योग; 2/13 सति मूले तद्विपाको जात्यायुभॊगा। 53. (क) पंचास्तिकाय; 2/108 53. (ख) नवपदार्थ, पुण्यपदार्थ ढाल 2, पृ. 201 54. (क) सागर धर्मामृत; 5/45 54. (ख) पंचसंग्रह प्राकृत, 453-455 54. (ग) जैन, बौद्ध तथा गीता के आचार दर्शनों का तुलनात्मक अध्ययन, पृ. 334 55. भगवती शतक; 7/1/2 56. अभिधान राजेन्द्र कोश, खण्ड 53; पृ.876 57. द्रव्य-संग्रह; 38
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अहिंसा की सूक्ष्म व्याख्याः क्रिया