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५. सिंह राशि
राशि शरीर के अंग-प्रत्यंग
मंत्र जप १. मेष राशि सिर (चेहरा, नेत्र, दांत, ॐ हीं णमो सिद्धाणं
कान आदि) २. वृषभ राशि गला, कण्ठ, चेहरा
ॐ ह्रीं णमो अरहंताणं ३. मिथुन राशि वक्ष स्थल, बाहु, कंधा ॐ ह्रीं णमो उवज्झायाणं ४. कर्क राशि हृदय, सीना, फेफड़े कोहनी ॐ हीं णमो अरहंताणं
उदर, पीठ, बाहु का नीचे ॐ हीं णमो सिद्धाणं
का भाग ६. कन्या राशि कमर, हाथ, ऊपर का वह भाग ॐ हीं णमो उवज्झायाणं
जिसमें लीवर और आते स्थित हों ७. तुला राशि किडनी, पेट के नीचे का भाग ॐ हीं णमो अरहंताणं ८. वृश्चिक राशि मल व मूत्र द्वार
ॐ ह्रीं णमो सिद्धाणं ६. धनु राशि जांघ नितम्ब
ॐ हीं णमो आयरियाणं १०. मकर राशि गेडुना
ॐ हीं णमो लोए सब साहूणं ११. कुम्भ राशि नितम्ब, पैर
ॐ हीं णमो लोए सब साहूणं १२. मीन राशि चरण, हड्डी
ॐ ह्रीं णमो आयरियाणं सौर मंडल और शरीर
__ सौर मंडल से आने वाले विकिरण हमारे प्रत्येक कार्य को प्रभावित करते हैं। जैसे ज्योतिष का सौर मंडल है वैसे ही अध्यात्म का भी सौर मंडल है। जैसे ज्योतिष में नवग्रह माने जाते हैं वैसे अध्यात्म में भी नवग्रह सम्मत्त हैंअध्यात्म के नौ ग्रह
ज्योतिष के नौ ग्रह ज्योति-केन्द्र (दायां मस्तिष्क)
गुरु का क्षेत्र दर्शन-केन्द्र (लघु मस्तिष्क) आज्ञा चक्र बुध का क्षेत्र शक्ति केन्द्र
राहु, बुध का क्षेत्र आनंद-केन्द्र (अनाहत चक्र)
मंगल का क्षेत्र विशुद्धि-केन्द्र (विशुद्धि चक्र)
चन्द्रमा का क्षेत्र स्वास्थ्य केन्द्र (स्वाधिष्ठान चक्र)
शुक्र का क्षेत्र तैजस-केन्द्र
सूर्य का क्षेत्र ज्ञान-केन्द्र (सहस्रार-चक्र)
शनि का क्षेत्र शांति-केन्द्र
केतु का क्षेत्र __ उपरोक्त सारे विवरण को मानव शरीर में चेतना केन्द्र और ग्रहों का आधिपत्य-इस चार्ट से सुगमता पूर्वक समझा जा सकता है कि सारा सौर मंडल हमारे शरीर के भीतर ही है। ११४ / लोगस्स-एक साधना-२