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(VI)
५३६
पांचवां उद्देशक ५०८ देव का उल्लंघन-प्रलंघन-पद
५३० आहार-पद ५०८ छठा उद्देशक
५३१ छठा उद्देशक ५०८ नैरयिक का आहार-आदि-पद
५३१ सान्तर-निरन्तर-उपपन्नादि-पद ५०८ देवेन्द्र का भोग-पद
५३१ चमरचंच-आवास-पद ५०८ सातवां उद्देशक
५३२ उद्रायण-कथा-पद ५०९ गौतम का आश्वासन-पद
५३२ सातवां उद्देशक ५१४ तुल्य-पद
५३३ भाषा-पद
५१४ भक्त-प्रत्याख्यात का आहार-पद ५३४ मन-पद ५१४ लव-सप्तम-देव-पद
५३५ काय-पद ५१५ अनुत्तरोपपातिक-देव-पद
५३५ मरण-पद
५१६ आठवां उद्देशक आठवां उद्देशक ५१८ अबाधा-अंतर-पद
५३६ कर्म-प्रकृति-पद ५१८ वृक्ष का पुनर्भव-पद
५३७ नौवां उद्देशक ५१८ अम्मड-अंतेवासी-पद
५३७ भावितात्म-विक्रिया-पद ५१८ अम्मड-चर्या-पद
५३९ दसवां उद्देशक ५२० अव्याबाध-देव-शक्ति-पद
५४० छाद्यस्थिक-समुद्घात-पद ५२० शक्र का शक्ति-पद
५४१ चौदहवां शतक (पृ. ५२१-५४६) मुंभक-देव-पद
५४१ पहला उद्देशक ५२१ नौवां उद्देशक
५४२ संग्रहणी गाथा ५२१ सरूप-सकर्म-लेश्या-पद
५४२ लेश्यानुसारी उपपात-पद
५२१ आप्त-अनाप्त-पुद्गल-पद नैरयिक-आदि का गति-विषयक-पद ५२१ देवों का सहस्त्र-भाषा-पद
५४२ नैरयिक का अनंतर-उपपन्नक-आदि-पद ५२२ सूर्य-पद दूसरा उद्देशक ५२३ श्रमणों का तेजोलेश्या-पद
५४३ उन्माद-पद ५२३ दसवां उद्देशक
५४४ वृष्टिकाय-करण-पद ५२४ केवलि-पद
५४४ तमस्काय-करण-पद
५२५ पन्द्रहवां शतक (पृ. ५४७-५८९) तीसरा उद्देशक
५२५ गोशालक-पद विनय-विधि-पद
५२५ भगवान का विहार-पद नैरयिक-नैरयिकों का प्रत्यनुभव-पद ५२७ पहला मासखमण-पद
५५० चौथा उद्देशक
५२७ दूसरा मासखमण-पद पुद्गल-जीव-परिणाम-पद ५२७ तीसरा मासखमण-पद
५५२ पांचवां उद्देशक ५२८ चौथा मासखमण-पद
५५४ अग्नि का अतिक्रमण-पद
५२८ गोशाल का शिष्य-रूप में अंगीकरण-पद ५५५ प्रत्यनुभव-पद ५३० तिल-स्तम्भ-पद
५५५
५४२
५४३
५५०
५५१