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पृष्ठ सूत्र पंक्ति
अशुद्ध ९२५/१७.१५३-४ | 'अनन्त बार' तक ९२६ १९५-९,|-एकेन्द्रिय-जीवों
अनन्त बार। (-एकेन्द्रिय-जीवों)
अशुद्ध | २ | वे जीव
(वे जीव) | २ | उसी प्रकार वक्तव्य है। (भ. ३५/ | उसी प्रकार (भ. ३५/४६) (वक्तव्य
११-१३
१ | (भ. ३५/२२-४३)
इनमें
| (भ. ३५/२२-४३) (इनमें)
९२६/१९,२० २ |उत्पाद वैसा ही बतलाना चाहिए।
इन जीवों का , १९,२१ ३ बतलाना चाहिए। १९,२१ ३ |'अनन्त बार' तक। २०१
हैं....? इन जीवों का परिमाण-पांच
उपपात उसी प्रकार (बतलाना चाहिए) । (इन जीवों का) (बतलाना चाहिए। अनन्त बार। हैं.? (इन जीवों का) परिमाण पांच हैं? उसी प्रकार (वक्तव्य है), (बतलाया गया है) वैसा सोलह बार ( में द्वितीय
पृष्ठ सूत्र पंक्ति ९२७ ३१ ३ हैं....?
हैं.? .. |३-४ | में पहला उद्देशक बतलाया गया है |(पहला उद्देशक) (भ. २५/२२| वैसा सम्पूर्ण रूप से बतलाना चाहिए २३) (बतलाया गया है) वैसा ही
निरवशेष (बतलाना चाहिए) ९२८ ३३,३५ ३ | हैं....?
हैं? | उद्देशक (पहला उद्देशक) (भ. ३५/
२२,२३) (बतलाया गया है) वैसा ही ३ (चोथे उद्देशक) बतलाया गया है |(चोथा उद्देशक) (भ. ३५/२७) वैसा
(बतलाया गया है) वैसा ही ३५ ३-४ | सम्पूर्ण रूप से बतलाना चाहिए। निरवशेष (बतलाना चाहिए। ३७ | १ | २७, भन्ते ! प्रथम
३७. भन्ते! प्रथम,, ३७,३६ ३ | हैं....? ,, | ३७३-४ | दूसरे उद्देशक बतलाया गया है वैसा | दूसरा उद्देशक (भ. ३५/२२-२३) सम्पूर्ण रूप से बतलाना चाहिए। (बतलाया गया है) वैसा ही निरवशेष
| (बतलाना चाहिए। .. | ३९| ३ | उद्देशक बतलाया गया है वैसा उद्देशक (भ. ३५/२७) (बतलाया सम्पूर्ण बतलाना चाहिए गया है) वैसा ही निरवशेष (बतलाना
चाहिए।
५३ शीर्षक पहला-ग्यारहवां उद्देशक
(तीसरा शतक) ९३०५३,५५१ -जीवों के विषय में) भी ५३.५५ २ | बतलाना चाहिए,
| २ | कृष्णलेश्य ५३,५५, शतक
३ | बतलाया गया है, उसके
बतलाने चाहिए। ३ | बतलाया गया है।
| (तीसरा शतक) पहला-ग्यारहवां उद्देशक -जीवों के) विषय में भी वैसा (बतलाना चाहिए), कृष्णलेश्य शतक (भ. ३५/४४-५१) (बतलाया गया है) (उसके) (बतलाने चाहिए। (बतलाया गया है)।
२ | ३
| उसी प्रकार में बतलाया गया है वैसा सोलह ( में) बार द्वितीय चाहिए। अवगाहना-प्रथम की अवगाहना
४
चाहिए.
अवगाहना-(प्रथम की) अवगाहना
जीव)
(उनकी) स्थिति भी (बतलानी होती है)।८.(वे) (करते हैं-वेदना (इन जीवों के) निरवशेष (उसी प्रकार बतलाना चाहिए) अनन्त बार तक।
उनकी स्थिति भी बतलानी होती है । ८.वे
करते हैं वेदना ७ इन जीवों के ८ सम्पूर्ण रूप से
| वैसा ही बतलाना चाहिए ९ 'अनन्तर बार' तक।
२ हैं....? | २ | उद्देशक में सोलह २-३ बतलाया गया ३ यह विषय
|३-४|-उद्देशक बतलाया गया है वैसा -उद्देशक (भ. ३५/२२-२३) | सम्पूर्ण बतलाना चाहिए। (बतलाया गया है) वैसा ही निरवशेष
(बतलाना चाहिए) १ | उद्देशक-जिनमें
उद्देशक हैं इनमें ३-४ | ऐसा बतलाना चाहिए। | (ऐसा बतलाना चाहिए।
हैं.? कृष्णलेश्य
(कृष्णलेश्य-जीवों की उत्पत्ति
-जीवों का) उपपात | बतानी चाहिए जैसा (बतलाना चाहिए) (जैसा ३ | (उद्देशक ३५/३-२०) में बतलायी (भ. ३५/३-२०) में (बतलाया गया
|-जीवों
९३१
१ | हैं ? हां, वे जीव
उद्देशक सोलह (बतलाया गया यह उद्देशक
२ (भ.
(भ. | में बतलाया गया है
(बतलाया गया है) | बतलाना चाहिए
(बतलाना चाहिए) ३ | जो प्रष्टव्य
(जो प्रष्टव्य ४ | चाहिए
चाहिए)
हैं? ३ | बतलाना चाहिए जैसा कृष्णलेश्य- (बतलाना चाहिए) जैसा कृष्णलेश्य (कृतयुग्म
(कृतयुग्म
-जीवों) ४ | विषय में)
विषय में ४ शतक (भ.
शतक (भ. बतलाया गया था।
(बतलाया गया था)। २ | शतक बतलाना चाहिए, शतक वैसा (बतलाना चाहिए), ९३१६२,६४ ३ | में बतलाया
में (दूसरा शतक) (भ. ३५/४४
५१) बतलाया ६४ | २ | बतलाना चाहिए,
(बतलाना चाहिए), ५ क्या) चारों
क्या (भवसिद्धिक के) चारों ५,६ | 'पहले उत्पन्न हुए थे' तक (पृच्छा) | पहले उत्पन्न हुए थे (तक पृच्छा) | शतक (लेश्या
शतक (भ. ३५/६०-६५) लेश्यान ३ | चाहिए। (भ. ३५/५६-६४) सभी चाहिए। सभी ४ | पूर्व तक) | पृच्छा बतलानी चाहिए
(प्रष्टव्य है) ., वहां बतलाया
वहां (भ. ३५/६४ में) बतलाया ५ | गया है) (भ. ३५/६४) | गया है) (गौतम!) | ५ | प्रकार में बारह
प्रकार ये बारह
शतक३६ ९३२] १ शीर्षक आदि-पद
आदि का पद
३ 'कल्योज-कल्योज' तक यावत् कल्योज-कल्योज-(एकेन्द्रिय-जीव)
'अनन्त बार' तक बतलाना चाहिए। यावत् अनन्त बार। -उद्देशक में
|-उद्देशक (भ. ३५/२२-२३) में | ३ गये)
गये बतलाना चाहिए,
बतलाने चाहिए), ५ वक्तव्य है।
(वक्तव्य है)।
| वे कृष्णलेश्य |-जीव
अपेक्षा से जघन्यतः | रहते हैं। बतलानी चाहिए। बतलाना चाहिए
'अनन्त-बार' तक। ६ | सोलह युग्म भी बतलाने
___ हां, (वे जीव) (वे कृष्णलेश्य-जीव) अपेक्षा जघन्यतः (रहते हैं)। (बतलानी चाहिए। (बतलाना चाहिए। अनन्त-बार। सोलह ही युग्म बतलाने हैं? उद्देशक (भ. ३५/२२-२३) (बतलाया गया है वैसा बतलाना चाहिए),
| २ | उद्देशक) बतलाया गया है
| उद्देशक) (भ. ३५/२५) (बतलाया गया है) निरवशेष
२ | उद्देशक बतलाया गया है वैसा
बतलाना चाहिए।
।
सम्पूर्ण रूप से