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भगवती सूत्र
__ श. २५ : उ. ५ : सू. २५५-२६४ आवलिका वाला नहीं होता। इसी प्रकार (एक) स्तोक भी। इसी प्रकार यावत् (एक) शीर्षप्रहेलिका वक्तव्य है। २५६. भन्ते! क्या (एक) पल्योपम संख्येय आवलिका वाला होता है....? पृच्छा। गौतम! संख्येय आवलिका वाला नहीं होता, असंख्येय आवलिका वाला होता है, अनन्त आवलिका वाला नहीं होता। इसी प्रकार सागरोपम की वक्तव्य है। इसी प्रकार अवसर्पिणी
और उत्सर्पिणी भी वक्तव्य हैं। २५७. (भन्ते!) क्या (एक) पुद्गल-परिवर्त......? पृच्छा। गौतम! संख्येय आवलिका वाला नहीं होता, असंख्येय आवलिका वाला नहीं होता, अनन्त
आवलिका वाला होता है। इसी प्रकार यावत् सर्वकाल वक्तव्य है। २५८. भन्ते! क्या (अनेक) आनापान संख्येय आवलिका वाले होते हैं.....? पृच्छा। गौतम! स्यात् संख्येय आवलिका वाले होते हैं, स्यात् असंख्येय आवलिका वाले होते हैं, स्यात् अनन्त आवलिका वाले होते हैं। इसी प्रकार यावत् शीर्षप्रहेलिका वक्तव्य है। २५९. (अनेक) पल्योपम ..................? पृच्छा गौतम! संख्येय आवलिका वाले नहीं होते, स्यात् असंख्येय आवलिका वाले होते हैं, स्यात्
अनन्त आवलिका वाले होते हैं। इसी प्रकार यावत् (अनेक) उत्सर्पिणियां वक्तव्य हैं। २६०. (अनेक) पुद्गल-परिवर्त...................? पृच्छा। गौतम! संख्येय आवलिका वाले नहीं होते, असंख्येय आवलिका वाले नहीं होते, अनन्त
आवलिका वाले होते हैं। २६१. भन्ते! क्या (एक) स्तोक संख्येय आनापान वाले होते हैं? असंख्येय आनापान वाले होते हैं?....जैसे आवलिका की वक्तव्यता (भ. २५/२५८) वैसे ही आनापान की भी निरवशेष वक्तव्यता। इसी प्रकार इस गमक के द्वारा यावत् शीर्षप्रहेलिका वक्तव्य है। २६२. भन्ते! क्या (एक) सागरोपम असंख्येय पल्योपम वाला होता है?.....पृच्छा। गौतम! संख्येय पल्योपम वाला होता है, असंख्येय पल्योपम वाला नहीं होता, अनन्त पल्योपम वाला नहीं होता। इसी प्रकार (एक) अवसर्पिणी और (एक) उत्सर्पिणी वक्तव्य हैं। २६३. (भन्ते!) (एक) पुद्गल-परिवर्त.............. । पृच्छा। गौतम! संख्येय पल्योपम वाला नहीं होता, असंख्येय पल्योपम वाला नहीं होता, अनन्त पल्योपम वाला होता है। इसी प्रकार यावत् सर्व-काल वक्तव्य है। २६४. भन्ते! क्या (अनेक) सागरोपम संख्येय पल्योपम वाले होते हैं?........पृच्छा। गौतम! स्यात् संख्येय पल्योपम वाल होते हैं, स्यात् असंख्येय पल्योपम वाले होते हैं, स्यात्
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