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श. २५ : उ. ५ : सू. २४७-२५५
काल-पद
२४७. भन्ते ! क्या (एक) आवलिका संख्येय समय वाली होती है ? असंख्येय समय वाली होती है ? अनन्त समय वाली होती है ?
भगवती सूत्र
गौतम! संख्येय समय वाली नहीं होती, असंख्येय समय वाली होती है, अनन्त समय वाली नहीं होती ।
२४८. भन्ते ! क्या (एक) आनापान संख्येय समय वाला होता है ?
पूर्ववत् ।
२४९. भन्ते ! क्या (एक) स्तोक संख्येय समय वाला होता है ?
पूर्ववत् (भ. २५/२४७) की भांति । इसी प्रकार प्रकार (एक) लव और (एक) मुहूर्त्त भी वक्तव्य हैं। इसी प्रकार (एक) अहोरात्र - एक दिन-रात वक्तव्य है । इसी प्रकार एक पक्ष, मास, ऋतु, अयन, सम्वत्सर, युग, सौ वर्ष, हजार वर्ष, लाख वर्ष, पूर्वांग, पूर्व, त्रुटितांग, त्रुटित, अटटांग, अटट, अववांग, अवव, हूहूकांग, हूहूक, उत्पलांग, उत्पल, पद्मांग, पद्म, नलिनांग, नलिन, अर्थनिकुरांग, अर्थनिकुर, अयुतांग, अयुत, नयुतांग, नयुत, प्रयुतांग, प्रयुत, चूलिकांग, चूलिका, शीर्षप्रहेलिकांग, शीर्षप्रहेलिका, पल्योपम, सागरोपम, अवसर्पिणी वक्तव्य है । इसी प्रकार (एक) उत्सर्पिणी भी वक्तव्य है ।
२५०. भन्ते ! क्या (एक) पुद्गल परिवर्त संख्येय समय वाला होता हैं ? ..... पृच्छा । गौतम! संख्येय समय वाला नहीं होता, असंख्येय समय वाला नहीं होता, अनन्त समय वाला होता है। इसी प्रकार अतीत काल, अनागत-काल और सर्व काल वक्तव्य
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२५१. भन्ते ! क्या (अनेक) आवलिकाएं संख्येय समय वाली होती हैं.....? पृच्छा ।
गौतम ! संख्येय समय वाली नहीं होतीं, स्यात् असंख्येय समय वाली होती हैं, स्यात् अनन्त समय वाली होती हैं ।
२५२. भन्ते ! क्या (अनेक) आनापान संख्येय समय वाले होते हैं ?
पूर्ववत् (भ. २५/२५१ की भांति ) ।
२५३. भन्ते ! क्या (अनेक) स्तोक संख्येय समय वाले होते हैं.....?
पूर्ववत् वक्तव्यता हैं (भ. २५/२५१) । इसी प्रकार यावत् ( अनेक) अवसर्पिणियां (तथा उत्सर्पिणियां) वक्तव्य हैं ।
२५४. भन्ते ! क्या (अनेक) पुद्गल - परिवर्त संख्येय समय वाले होते हैं ? ..... पृच्छा । गौतम ! संख्येय समय वाले नहीं होते, असंख्येय समय वाले नहीं होते, अनन्त समय वाले होते हैं।
२५५. भन्ते ! क्या (एक) आनापान संख्येय आवलिका वाला होता है....? पृच्छा । गौतम ! संख्येय आवलिका वाला होता है, असंख्येय आवलिका वाला नहीं होता, अनन्त
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