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भगवती सूत्र
श. १९ : उ. ३,४ : सू. ३६-५० गौतम! पृथ्वीकायिक की भांति वक्तव्यता। इसी प्रकार तैजसकायिक, इसी प्रकार वायुकायिक, इसी प्रकार वनस्पतिकायिक की वक्तव्यता यावत् विहरण करता है। ३७. भंते! वह ऐसा ही है। भंते! वह ऐसा ही है।
चौथा उद्देशक महास्रव-आदि-पद ३८. भंते! नैरयिक महाआस्रव, महाक्रिया, महावेदना और महानिर्जरा वाले हैं?
गौतम! यह अर्थ संगत नहीं है। ३९. भंते! नैरयिक महाआसव, महाक्रिया, महावेदना और अल्पनिर्जरा वाले हैं?
हां, हैं। ४०. भंते! नैरयिक महाआसव, महाक्रिया, अल्पवेदना और महानिर्जरा वाले हैं?
गौतम! यह अर्थ संगत नहीं है। ४१. भंते! नैरयिक महाआस्रव, महाक्रिया, अल्पवेदना और अल्पनिर्जरा वाले हैं?
गौतम! यह अर्थ संगत नहीं है। ४२. भंते! नैरयिक महाआस्रव, अल्पक्रिया, महावेदना और महानिर्जरा वाले हैं?
गौतम! यह अर्थ संगत नहीं है। ४३. भंते! नैरयिक महाआसव, अल्पक्रिया, महावेदना और अल्पनिर्जरा वाले हैं? ___ गौतम! यह अर्थ संगत नहीं है। ४४. भंते! नैरयिक महाआस्रव, अल्पक्रिया, अल्पवेदना और महानिर्जरा वाले हैं?
यह अर्थ संगत नहीं है। ४५. भंते! नैरयिक महाआसव, अल्पक्रिया, अल्पवेदना और अल्पनिर्जरा वाले हैं?
यह अर्थ संगत नहीं है। ४६. भंते! नैरयिक अल्पआस्रव, महाक्रिया, महावेदना और महानिर्जरा वाले हैं?
यह अर्थ संगत नहीं है। ४७. भंते! नैरयिक अल्पआस्रव, महाक्रिया, महावेदना और अल्पनिर्जरा वाले हैं?
यह अर्थ संगत नहीं है। ४८. भंते! नैरयिक अल्पआस्रव, महाक्रिया, अल्पवेदना और महानिर्जरा वाले हैं? ___ यह अर्थ संगत नहीं है। ४९. भंते! नैरयिक अल्पआस्रव, महाक्रिया, अल्पवेदना और अल्पनिर्जरा वाले हैं?
यह अर्थ संगत नहीं है। ५०. भंते! नैरयिक अल्पआस्रव, अल्पक्रिया, महावेदना और महानिर्जरा वाले हैं?
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