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भरत चरित
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७. कुछ मांगलिक रूप में चंदन का कलश हाथ में लेकर राजा के पीछे चल रही हैं।
८. कुछ दासियों ने लोटा, दर्पण, थाल, कटोरियां तथा पंखे हाथ में ले रखे हैं ।
९ - १२. कुछ ने रत्न कटोरे, फूलों की डालियां, गूंथी हुई फूलों की माला, सुगंधित चूर्ण के डिब्बे, वणग विलेपन, सुरभित गंध के डिब्बे, बहुमूल्य आभरण, रोमों की पूंजी, पुष्प- पाटल भरी डालियां, रत्नजड़ित सिंहासन, छत्र, चामर आदि हाथों में ले रखे हैं ।
१३. कुछ ने तेलकोष्ट, चोवा मलयागर के पुड़े हाथ में ले रखे हैं ।
१४. कुछ ने मणिशिल, हींगलू, हडताल सरसव के डिब्बे हाथ में ले रखे हैं ।
१५. कुछ ने तालवृंत्त तथा कुछ ने धूप के कुडछे हाथ में ले रखे हैं ।
१६. इस प्रकार अनेक दासियां अलग-अलग चीजें हाथ में लेकर चल रही हैं ।
१७. वे सब भरत नरेन्द्र के पीछे, आस-पास चल रही हैं। उनकी गति अत्यंत सुहावनी है।