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भरत चरित
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२५. यह वचन सुनकर भरतजी ने पूर्वोक्त विधि से स्नानगृह में जाकर स्नान
किया ।
२६. मूल्य में महंगे तथा वजन में हल्के आभूषणों को धारण किया ।
२७. अभिषेक हस्तीरत्न पर सवार हुए। मुंह के सामने आठ मांगलिक चिह्न हैं ।
२८. विनीतामें प्रवेश के अवसर पर जैसे महोत्सव किया, वही विधि यहां जानें।
२९,३०. तब कुछ देवता रत्न की वर्षा कर रहे हैं, कुछ देवता सोने, चांदी तथा रत्नों की वर्षा कर रहे हैं ।
३१. विनीता में प्रवेश के अवसर पर जैसी वर्षा की वैसी ही सारी यहां समझें ।
३२. ठाठ-बाट पूर्वक विनीता नगरी के बीच से होकर चल रहे हैं ।
३३. ईशान कोण में जहां अभिषेक मंडप है उसके द्वार पर आकर खड़े हुए।
३४. हस्तीरत्न को वहां खड़ा कर उससे नीचे उतरे ।
३५. श्री रानी तथा चौसठ हजार स्त्रियों के अंत:पुर से परिवृत्त हैं ।