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दुहा १. आपात चिलात ने भगावीयों, सेनापती घोडें चढि ताहि। __ तिण घोडा तणों वर्णव करूं, ते सुणजों चित्त ल्याय॥
२. कमला मेल अश्व रत्न, असी आंगुल ऊंचों प्रमाण।
नीनांणू आंगल मध्य परिध छे, एक सों आठ आंगुल लांबो जांण।।
३. ऊचों मस्तक आंगुल बत्तीस नों, च्यार आंगुल ऊचा छे कान।
वीस आंगुल बाहा मस्तक हेठली, ते गोडा उपरली कही भगवान।।
४. च्यार आंगुल प्रमाण गोडा जानुका, बाहा में जंघा विच विचार।
सोलें आंगुल जंघा गोडां हेठली, ऊची छे आंगुल च्यार।
५. घष्ट पुसट सघलोइ अंग छे, सगलो अंग सुदराकार।
विसिष्ट पसथ रलीयांमणों, रूडा लखण गुणधार।।
६. जातवंत निरदोष ,, विनेवंत. छे आग्यानाकार।
वेत चर्म चाबखादिक, तिणरों कदे न खाधों परीहार।।
७. बेहूं पासें ऊंचों मध्य सांकड़ों, तिणरो दिढ घणों में शरीर।
तेज प्राक्रम तिणरो अति घणों, घणों गाढों छे साहस धीर।।
ढाळ : ४२ (लय : आ अणुकंपा जिण आगन्यां में)
__कमला मेल अश्वरतन अमोलक।। १. चोकडों तपनीक तपाव्या सोवन में, वर प्रधान कनक में रूडो पिलाण।
विचित्र प्रकारना रत्न में छे रासि, तिणसूं पलांण बांधे बेहूं पासें तांण।