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दोहे
१. सेनापति का ऐसा ताप पड़ा कि आपात चिलाती शोक संतप्त होकर अनेक योजन तक दूर भाग गए।
२-४. आगे जाकर सब एकत्र हुए और उन्होंने परस्पर परामर्श किया। सिंधु के किनारे पर बालू बिछाकर, बालू के आसन पर बैठकर, निर्वस्त्र होकर, मुंह को आकाश की ओर ऊंचा रखकर मेघमाली नामक अपने कुलदेवता के लिए तेला किया। उसका ध्यान करने लगे। मेघमाली नागकुमार जाति का देव था ।
५.
तीन दिन पूरे होने पर देवता का आसन चलित हुआ । उसने अवधिज्ञान का प्रयोग किया।
६,७. अवधिज्ञान से जानकर नागकुमार देवता आपस में मिले और बोलेआपात चिलातियों ने हमारे पर तेला किया है अतः हमारे लिए यह उचित और श्रेयस्कर है कि हम वहां जाकर प्रकट होवें तथा उनकी मनोकामना को पूरा करें।
ढाळ : ३८
१. इस प्रकार परस्पर विचार-विमर्श कर सारे देवता एकमत होकर उत्कृष्ट गति से चलकर आपात भीलों के पास आए।