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भरत चरित
१७५ १४. सुषेण सेनापति विनीता नगरी में पैदा हुआ। उसकी जाति और कुल दोनों ही निर्मल हैं। सेना उसके पीछे-पीछे चलती है।
१५. ऐसा पुण्य का प्रतीक सेनापति भरतजी को प्राप्त हुआ। पर उसे भी भरतजी अनित्य समझते हैं क्योंकि वे इसे त्यागकर मुक्ति जाएंगे।