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3. त्वं मह्यं पक्वम् अन्नं दातुं शक्नोषि किम्-तू मुझे पका हुआ अन्न दे सकता
है क्या ? 4. भोजनाद् ऊर्ध्वं त्वं शीतं जलमपि' पातुमिच्छसि किम्-भोजन के पश्चात् क्या __ तू ठंडा जल भी पीना चाहता है ? 5. यदि त्वं शीतं जलमपि आनेतुं शक्नोषि तर्हि शीघ्रम् आनय-अगर तू ठंडा जल
भी ला सकता है तो जल्दी ले आ। 6. यत् त्वम् इच्छसि तत् अहम् आनेष्यामि-जो तू चाहता है, वह मैं
लाऊँगा। 7. एतद् अन्नम् अतीव उष्णम् अस्ति-यह अन्न बहुत ही गरम है। 8. मम भ्राता इदानी कुत्र गतः, न जानामि-मेरा भाई अब कहाँ गया है, (मैं)
नहीं जानता। 9. सः उद्याने वृक्षस्य अद्यः इदानीं स्वपिति-वह बाग में वृक्ष के नीचे रहा सो रहा
10. सः बहु कर्म कृत्वा श्रान्तः इति प्रतीयते-वह बहुत कार्य करके थका हुआ
है, ऐसा मालूम होता है। 11. सः तत्र तूष्णीमेव स्थितः, किमपि न वदति-वह वहाँ चुपचाप बैठा है, कुछ
भी नहीं बोल रहा है। 12. सः स्वपाठं स्मरति इति प्रतीयते-वह अपना पाठ याद करता है, ऐसा मालूम
होता है। 13. सः स्वगृहमिदानीं रक्षति अतः बहिर् गन्तुं न शक्नोति-वह अपने घर की रक्षा कर रहा है इसलिए बाहर नहीं जा सकता।
उकारान्त स्त्रीलिंग 'धेनु' शब्द
धेनुः
धेनुम्
1. प्रथमा 2. द्वितीया 3. तृतीया 4. चतुर्थी
धेन्वा
गौ को गौ से गौ के लिए
धेन्वे
" FE
धेन्वै )
5. पञ्चमी
गौ से
धेनोः धेन्वाः
190] 1. जलम् अपि। 2. पातुम् इच्छसि। 3. तूष्णीम् एव। 4. किम् अपि। 5. स्वगृहम् इदानीम् ।