________________
3. तृतीया 4. चतुर्थी 5. पञ्चमी
6. षष्ठी
7. सप्तमी
पित्रा
पित्रे
पितुः
""
•
पितरि (हे ) पितः
सम्बोधन
पिता
'पिता' शब्द में और 'धाता' शब्द में इतना ही भेद है कि 'धाता' शब्द का द्वितीया का एकवचन 'धातारम्' है और 'पिता' शब्द का 'पितरम्' है, 'पितारम्' नहीं । यही विशेषता निम्न शब्दों में होती है । पाठकों को उचित है कि इस बात को स्मरण रखें ।
भ्रातृ-भाई देव - देवर |
'पितृ' शब्द के समान चलनेवाले ऋकारान्त पुल्लिंग शब्द
पिता ने
पिता के लिए, को
पिता से
जामातृ-दामाद | शंस्तृ-स्तुति करनेवाला
वाक्य
पिता का
पिता में, पर
5. भ्रात्रा धनं दत्तम् - भाई ने धन दिया ।
6. जामात्रे वस्त्रं देहि-दामाद के लिए वस्त्र दे ।
नृ - नर । सव्येष्ट - गाड़ीवान |
1. पिता पुत्रं पश्यति - पिता पुत्र को देखता है ।
2. पुत्रः पितरं पश्यति - लड़का पिता को देखता है।
3. पित्रा पुत्राय वस्त्रं दत्तम् - पिता ने पुत्र को वस्त्र दिया ।
4. भ्राता भ्रातरं द्वेष्टि - भाई भाई से द्वेष करता है ।
7. पित्रे नमः कुरु-पिता को नमस्कार कर ।
इस प्रकार पाठक कई वाक्य बना सकते हैं। उक्त वाक्यों के विपरीत अर्थ के वाक्य
1. पिता पुत्रं न पश्यति । 2. पुत्रः पितरं न पश्यति । 3. पित्रा पुत्राय वस्त्रं न दत्तम् । 4. भ्राता भ्रातरं न द्वेष्टि । 5. भ्रात्रा धनं न दत्तम् । 6. जामात्रे वस्त्रं न देहि ।
निम्न वाक्यों की संस्कृत बनाइए
1. वह गाँव जाता है। 2. जहाँ तू जाता है, वहाँ मैं जाता हूँ। 3. क्या तू सदा बाग़ जाता है ? 4. तू कहाँ जाता है ? 5. वह दिन में नगर जाता है और रात में घर जाता है। 6. हरिश्चन्द्र फल खाता है ।
56