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3. रथेन-रथ द्वारा, से। मार्गेण-मार्ग द्वारा, से। 4. रथाय-रथ के लिए। मार्गाय-मार्ग के लिए। 5. रथात्-रथ से।
मार्गात्-मार्ग से। 6. रथस्य-रथ का।
मार्गस्य-मार्ग का। 7. रथे-रथ में, पर।
मार्गे-मार्ग में। (हे) रथ !-हे रथ !
(हे) मार्ग !-हे मार्ग !
शब्द इसी प्रकार राम, बालक, मृग, सर्प, सूर्य, आनन्द, आकार, कुमार, लेख, दण्ड इत्यादि अकारान्त पुल्लिंग शब्द चलते हैं। जिन शब्दों के अन्त में अकार का उच्चारण होता है, उनको अकारान्त शब्द कहते हैं। अब कुछ अकारान्त शब्द देते हैं, जिनके रूप 'देव' या 'राम' शब्दों के समान ही होते हैं। इन्द्रः-राजा, प्रमुख।
अर्भकः-लड़का। ग्रामः-गाँव।
चरणः-पैर। नृपः-राजा।
प्रसादः-मेहरबानी। मूषकः-चूहा।
रक्षकः-पहरेदार। रसः-रस।
वत्सः-लड़का। वासः-रहने का स्थान। वृक्षः-दरख्त। समुद्रः-समुद्र, सागर। सर्पः-साँप। स्वरः-आवाज़।
आचार्यः-गुरु। चौरः-चोर।
जनः-लोक। पुत्रः-बेटा।
वेदः-वेद, ज्ञान। दण्डः-सोटी।
मनुष्यः-मनुष्य।
वाक्य 1. अर्भकः रथं पश्यति-लड़का गाड़ी देखता है। 2. नृपः चौरं ताडयति-राजा चोर को पीटता है। 3. सः रथेन अन्यं ग्रामं शीघ्रं गच्छति-वह रथ से दूसरे ग्राम को जल्दी जाता
4. वृक्षात् फलं पतति-पेड़ से फल गिरता है। 5. समुद्रात् जलम् आनयति-समुद्र से पानी लाता है।
1. शीघ्रं-जल्दी।