________________
स्वेषु
7. स्वस्मिन्, स्वे स्वयोः अंतर-1. अन्तरः
अन्तरौ
अन्तरे 2. अन्तरम्
अन्तरौ
अन्तरान् 3. अन्तरेण
अन्तराभ्याम् अन्तरैः 4. अन्तरस्मै, अन्तराय
अन्तरेभ्यः 5. अन्तरस्मात् अन्तरात् अन्तराभ्याम् अन्तरेभ्यः 6. अन्तरस्य
अन्तरयोः
अन्तरेषाम्, अन्तराणाम् 7. अन्तरस्मिन्, अन्तरे अन्तरयोः
अन्तरेषु नियम 3-'प्रथम' सर्वनाम के, पुल्लिंग में केवल प्रथमा विभक्ति में 'पूर्व' के समान रूप होते हैं, अन्य विभक्तियों में 'देव' के समान होते हैं। इसी प्रकार 'कतिपय, अर्ध, अल्प, चरम, द्वितीय, तृतीय, चतुष्टय, पञ्चतय,' इत्यादि सर्वनामों के रूप होते
1. प्रथमः
प्रथमौ
प्रथमे, प्रथमाः 2. प्रथमम्
प्रथमान् शेष 'देव' शब्द के समान होते हैं।
शब्द-पुल्लिंग सन्धिः -सुराख़, जोड़
मृदङ्गः-मृदंग (तबला) पणवः-ढोल
वंशी-बांसुरी प्रणयः-विनति
सुतः-पुत्र विषादः-दुःख
नाट्याचार्यः-नाटक का आचार्य प्रदीपः-दीवा
आक्रन्दः-पुकार, रोना
स्त्रीलिंग वीणा-वीणा। रजनी-रात्रि। शाटी-चादर, धोती। भाषा-भाषण।
नपुंसकलिंग भाण्ड = बरतन। अलङ्करण = अलंकार। सदन = घर। स्तेय = चोरी। वाय = वाद्य, बाजा। चौर्य = चोरी। गान्धर्व = गायन। नाट्य = नाटक।
विशेषण
सुप्त = सोया हुआ। प्रबुद्ध = जागा हुआ। व्यवस्थित = लगा हुआ। निष्कान्त
85