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5. सर्वस्मात् 6. सर्वस्य
सर्वेषाम्
7. सर्वस्मिन्
सर्वेषु
""
इसी प्रकार 'विश्व, एक, उभय' इत्यादि सर्वनामों के रूप होते हैं। 'उभ' सर्वनाम का केवल द्विवचन में ही प्रयोग होता है ।
1.
सम्बोधन
उभौ
पूर्वः
पूर्वम्
पूर्वेण
पूर्वस्मै पूर्वा
पूर्वस्मात् पूर्वात्
पूर्वस्य
17
सर्वयोः
2.
3.
4.
5.
6.
5. स्वस्मात्, स्वात्
7.
1
उभाभ्याम्
'उभ' शब्द के अर्थ 'दो' होने से उसका एकवचन तथा बहुवचन सम्भव नहीं ।
अकारान्त पुल्लिंग 'पूर्व' शब्द
पूर्वी
उभयोः
1.
2.
3.
4.
5.
6.
पूर्वेषाम्, पूर्वाणाम्
7.
पूर्वस्मिन् पूर्वे
पूर्वेषु
'पूर्व' शब्द के समान ही 'पर, अपर, उत्तर, अधर' इत्यादि शब्द चलते हैं । नियम 1 - 'स्व' शब्द 'आत्मीय', स्वकीय, अर्थ में प्रयुक्त होता है । 'स्व' के रूप 'पूर्व' के समान होते हैं, परन्तु 'जाति' और 'धन' अर्थ में 'देव' शब्द के समान होते हैं।
1
""
पूर्वाभ्याम्
27
पूर्वे, पूर्वाः
पूर्वान्
पूर्वैः
पूर्वेभ्यः
""
पूर्वयोः
नियम 2 - अन्तर शब्द 'बाह्य, परिधानीय' इन अर्थों में 'अन्तर' शब्द के समान चलता है, परन्तु अन्य अर्थों में 'देव' के समान है । जैसे
स्व- 1. स्वः
स्वौ
स्वाभ्याम्
स्वे, स्वाः स्वेभ्यः