________________
-
प्राट्सु
'रत्नमुष्' शब्द 1. रत्नमुट्-ड् रत्नमुषौ
रत्नमुषः 4. रत्नमुषे रत्नमुड्भ्याम्
रत्नमुड्भ्यः 7. रत्नमुषि रत्नमुषोः
रत्नमुट्सु 'प्राच्छ्' शब्द प्राट्-ड् प्राच्छौ
प्राच्छः प्राच्छा प्राड्भ्याम्
प्राभिः 7. प्राच्छि प्राच्छोः
प्राट्सु 'प्राश्' शब्द 1. प्राट्-ड् प्राशौ
प्राशः 3. प्राशा प्राड्भ्याम्
प्राभिः 7. प्राशि
प्राशोः
शब्द-पुल्लिंग आहव = युद्ध । भेक = मेंढक। दुर्दुर = मेंढक। मण्डूक = मेंढक। आहारविरह = भोजन न होना। भुजङ्ग = सांप। प्रश्न = सवाल। श्रोत्रिय = वैदिक। बान्धव = भाई। स्नातक = विद्या समाप्त कर ली है जिसने ऐसा ब्रह्मचारी। राष्ट्रविप्लव = गदर। आहार = भोजन। महोदधि = बड़ा समुद्र । गुण = गुण। रागिन् = लोभी। नृ = मनुष्य।
स्त्रीलिंग विंशति = बीस। परिवेदना = शोक।
नपुंसकलिंग उद्यान = बाग़। भाग्य = दैव। विष = ज़हर। कौतुक = कुतूहल, आश्चर्य। दुर्मित = अकाल। व्यसन = आपत्ति, बुरी अवस्था। श्मशान = मरघट । काष्ठ = लकड़ी। अग्र = नोक। वाहन = रथ आदि। दैव = भाग्य।
विशेषण जीर्ण = पुराना। मन्दभाग्य = दुर्दैव। देशीय = देश का, उमर का। पञ्च = 175