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3. विशा विड्भ्याम्
विभिः 4. विशे
विड्भ्यः 5. विशः 6. , विशोः
विशाम् 7. विशि
विट्स ___ इस शब्द के प्रथम सम्बोधन के एकवचन के रूप दो-दो होते हैं। जिस शब्द के अन्त में व्यंजन होता है, उसके दो रूप संभव हैं। इस शब्द के समान, विश्वसृज्, परिमृज्, देवेज्, परिव्राज्, विभ्राज्, राज्, सुवृश्च् भृज्ज्, त्विष्, द्विष्, रत्नमृष्, प्रावृष्, प्राच्छ्, प्राश्, लिह-इत्यादि शब्द चलते हैं। तथा छ्, श, ष, ह् आदि व्यंजन जिनके अन्त में होते हैं, ऐसे शब्द भी इसी के समान चलते हैं। सुभीते के लिये 'परिव्राज्' शब्द के रूप नीचे दिये जा रहे हैं।
(हे),
जकारान्त पुल्लिग 'परिव्राज' शब्द एकवचन द्विवचन
बहुवचन 1. परिव्राट-ड् परिव्राजौ
परिव्राजः सम्बोधन (हे),
2. परिव्राजम् 3. परिव्राजा
परिव्राड्भ्याम् परिव्राभिः 4. परिव्राजे
परिव्राड्भ्यः 5. परिव्राजः परिव्राजोः
परिव्राजाम् 7. परिव्राजि
परिव्राट्सु जकारान्त पुल्लिग 'ऋत्विज्' शब्द 1. ऋत्विक्-ग ऋत्विजौ
ऋत्विजः 3. ऋत्विजा ऋत्विग्भ्याम्
ऋत्विग्भिः 7. ऋत्विजि ऋत्विजोः ऋत्विक्षु
चकारान्त पुल्लिग ‘पयोमुच्' शब्द 1. पयोमुक्-ग् पयोमुचौ
पयोमुचः 4. पयोमुचे . पयोमुग्भ्याम् पयोमुग्भ्यः 7. पयोमुचि पयोमुचोः
पयोमुक्षु