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पितरौ
पितृभ्यः
पाठ 12 ऋकारान्त पुल्लिंग 'पितृ' शब्द एकवचन द्विवचन
बहुवचन 1. पिता
पितरः सम्बोधन (हे) पितः 2. पितरम्
पितृन् 3. पित्रा पितृभ्याम्
पितृभिः 4. पित्रे 5. पितुः 6. , पित्रोः
पितृणाम् 7. पितरि
पितृषु चतुर्थ पाठ में 'धातृ' शब्द दिया गया है। उसमें और इस 'पितृ' शब्द में प्रथमा, सम्बोधन और द्वितीया के रूपों में कुछ भेद है। देखिए
धातृ-धाता धातारौ धातारः
पितृ-पिता पितरौ पितरः जैसे 'धातृ' शब्द के रकार के पूर्व 'आ' है, वैसे-'पितृ' शब्द के रकार के पूर्व नहीं हुआ। यह विशेष भ्रातृ, जामातृ, देव, शस्तृ सव्येष्ट्र, नृ-इन छः शब्दों में, भी पाया जाता है।
इन्नन्त पुल्लिंग 'पथिन्' शब्द एकवचन द्विवचन
बहुवचन 1. पन्थाः पन्थानौ
पन्थानः सम्बोधन (हे),
(हे), 2. पन्थानम्
पथः पथा
पथिभिः 4. पथे
पथिभ्यः 5. पथः 6. पथः पथोः
पथाम् 7. पथि
पथिषु इसी प्रकार मथिन्, ऋभुक्षिन आदि शब्द चलते हैं।
पथिभ्याम्
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