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(हे),
अन्नन्त पुल्लिंग 'ब्रह्मन्' शब्द एकवचन द्विवचन
बहुवचन ब्रह्मा ब्रह्माणौ
ब्रह्माणः सम्बोधन (हे) ब्रह्मन् (हे), 2. ब्रह्माणम्
ब्रह्मणः 3. ब्रह्मणा ब्रह्मभ्याम्
ब्रह्मभिः ब्रह्मणे
ब्रह्मभ्यः ब्रह्मणः 6. , ब्रह्मणोः
ब्रह्मणाम् 7. ब्रह्मणि
ब्रह्मसु इसी प्रकार जिनके अन्त में 'अन्' आता है ऐसे आत्मन्, यज्वन्, सुशर्मन्, कृष्णवर्मन्, अर्यमन् इत्यादि अन्नन्त शब्द चलते हैं। पाठक इनको स्मरण करके इनके रूप लिखें। अन्नन्त शब्दों में कई ऐसे शब्द भी हैं जिनके रूप 'ब्रह्मन्' शब्द से कुछ भिन्न प्रकार के होते हैं। उनमें 'राजन्' शब्द मुख्य है।
अन्नन्त पुल्लिंग 'राजन्' शब्द एकवचन द्विवचन
बहुवचन 1. राजा
राजानः सम्बोधन (हे) राजन् 2. राजानम्
राज्ञः राज्ञा राजभ्याम्
राजभिः
राजभ्यः राज्ञः राज्ञोः
राज्ञाम् 7. राज्ञि । राज्ञोः
राजसु राजनि । इस शब्द के समान 'मज्जन्, सीमन्, गरिमन, लघिमन्, सुनामन्, दुर्णामन, अणिमन्' इत्यादि शब्द चलते हैं। पाठक इनके रूप बनाकर लिखें, जिससे कि इनके रूप बनाना वे भूल न जाएं।
अब कुछ स्वरसन्धि के नियम लिखते हैं।
नियम-अ, इ, उ, ऋ स्वरों के सम्मुख सजातीय हस्व अथवा यही दीर्घ स्वर 10 आएं तो, उन दोनों स्वरों का एक सजातीय दीर्घ स्वर बनता है। जैसे
राजानौ
4.
राजे