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3. अरबदेशात् अश्वः आगच्छति - अरब देश से घोड़ा आता है । 4. अद्य मार्गे कर्दमः जातः- आज मार्ग में कीचड़ हो गया है। 5. तव वस्त्रं मलिनम् अस्ति-तेरा वस्त्र मैला है ।
6. त्वां दृष्ट्वा सः हसति-तुझको देखकर वह हँसता है ।
7. अहं तं दृष्ट्वा हसामि - मैं उसको देखकर हँसता हूँ ।
8. यष्टिकया मूषकं ताडय-सोटी से चूहे को मार ।
9. यदि त्वं कूपस्य जलं पातुम् इच्छसि तर्हि मया सह आगच्छ- अगर तू कुएँ का जल पीना चाहता है तो मेरे साथ आ ।
10. अवन्तिनगरात् तस्य मित्रम् अद्य अपि न आगतम् - अवन्ति शहर से उसका मित्र आज भी नहीं आया ।
सरल वाक्य
1. पश्य सः सूचिकायां सूत्रं निक्षिपति । 2. सः कर्तर्या पत्रं कर्तयति । 3. सः उत्थाय गृहाद् अत्र एव आगतः । 4. महानसात् धूमः उत्तिष्ठति । 5. यत्र धूमः अस्ति तत्र न गन्तव्यम् । 6. जलस्य गंडूषेण मुखं प्रक्षालयामि । 7. तेन पारितोषिकं प्राप्तम् । 8. तस्य महिषी दुग्धं ददाति । 9. अयं सैनिकः कशया अश्वं ताडयति । 10. पाठशालायां केनापि सह कलहं न कुरु ।
निम्न वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद कीजिए
1. उस याचक को अन्न दो । 2. जो लड़की पाठशाला जाती है, वह किसकी है ? 3. मैं घोड़ा देखता हूँ। 4. तू बादल देखता है। 5. तेरा सन्दूक कहाँ है ?
पाठ 34
अकारान्त नपुंसकलिंग शब्द
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गमनम् - जाना। आगमनम् - आना । भक्षणम् - खाना । भोजनम् - भोजन, रोटी । क्रीडनम् - खेलना । पानम् - पीना । दानम् - देना । आदानम् - लेना । हसनम् - हँसना । स्वीकरणम् - स्वीकार करना । लेखनम् - लिखना । पत्रम् - पत्र पात्रम् -बर्तन । शरीरम् - शरीर । अन्नम् - अन्न ।
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वस्त्रम् - वस्त्र ।
संस्कृत में शब्दों के लिंग तीन प्रकार के होते हैं। कई शब्द पुल्लिंग होते हैं, कई स्त्रीलिंग और कई नपुंसकलिंग । लिंग पहचानने के लिए कोई सामान्य नियम नहीं हैं, और जो नियम हैं वे इस समय पाठकों की समझ में नहीं आ सकते, इसलिए..
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