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सर का काम कर सकताका काका काका कलाकारका कलकारक
समवृत्ति श्वासप्रेक्षा जैसे दीर्घश्वास में श्वास की गति को परिवर्तित किया जाता है, वैसे ही समवृत्ति श्वास में उसकी दिशा को बदला जाता है। एक नथुने से श्वास भीतर लेकर दूसरे नथुने से बाहर निकाला जाता है तथा फिर उसी से भीतर लेकर पहले नथुने से बाहर निकाला जाता है। यह परिवर्तन संकल्प-शक्ति के द्वारा निष्पन्न हो सकता है। प्रयोग के दौरान निरंतर चित्त श्वास के साथ-साथ चलता है, उसकी प्रेक्षा करता है। यही समवृत्ति श्वास प्रेक्षा है। .
६ दिसम्बर २००६