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दीर्घश्वास प्रेक्षा श्वास वास्तविक है, इसलिए वह सत्य है। श्वास प्रेक्षा का अर्थ है सत्य को देखना, वर्तमान में जीने का अभ्यास करना। . श्वास वर्तमान की घटना है, अतीत या भविष्य की नहीं। श्वास को देखने का अर्थ है वर्तमान को देखना। उस समय न राग है न द्वेष । क्योंकि जब स्मृति या कल्पना नहीं है तो राग भी नहीं है और द्वेष भी नहीं है। ____श्वास प्रेक्षा के अभ्यास से साधक स्मृति और कल्पना से मुक्त तथा राग-द्वेष से मुक्त क्षण में जीता है। यह शुद्ध चेतना का क्षण है।
५ दिसम्बर २००६