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मातृका ध्यान (२)
हृदय स्थान (आनंद केन्द्र) पर चौबीस पंखुड़ियों वाले कर्णिका सहित कमल की कल्पना करें। उसके प्रत्येक पत्र पर चौबीस व्यंजनों की पंक्ति तथा कर्णिका पर 'मकार' का ध्यान
करें ।
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इन पर चित्त को एकाग्र करें। मातृका ध्यान का यह दूसरा
चरण है
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चतुर्विंशतिपत्रं च हृदि पद्मं वर्णान् यथाक्रमं तत्र, चिन्तयेत्
७ अगस्त
२००६
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सकर्णिकम् । पंचविंशतिम् ॥ योगशास्त्र ८.३
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