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आश्रव और संवर (३) आश्रव संसार में परिभ्रमण का हेतु है और संवर मोक्ष का हेतु है। यह आर्हत मत-जिनशासन की दृष्टि है और यही धर्म का विज्ञान है। इस सिद्धांत की पुष्टि इस पद्य से होती है
आश्रवो भवहेतुः स्यात्, संवरो मोक्षकारणम्। इतीयमार्हती दृष्टिरन्यदस्याः प्रपञ्चनम्।। आश्रव भव का हेतु है, संवर मोक्ष-निदान। आहेत मत की दृष्टि यह, यही धर्म-विज्ञान ।।
__अध्यात्म पदावली ४६
२५ मार्च २००६
२००१