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दानपात्र
जायते वा । तपस्विनां सुखं भूयात् । शिष्यः गुरवे अनुगृणाति प्रतिगृणाति वा । दीर्घमायुः चिरंजीवितं वा अस्तु मैत्राय मैत्रस्य वा। उच्चाराय कल्पते यवान्नम् । श्लेष्मणे कल्पते दधि । कुंडलाय हिरण्यम् । संयमाय श्रुतम् । धर्माय संयमम् । मोक्षाय धर्मम् । अहं त्वां अवदम् । आचार्यः शिष्यं अवादीत् । यः सत्यं वदिष्यति सः प्रथमो भविष्यति । य: जनापवादान् वदिता स गार्होऽस्ति ।
संस्कृत में अनुवाद करो पिता ने पुत्र को पेंसिल, बस्ता, कलम, कापी और कोर्स की पुस्तकें दी। विद्यालय के लिए एक बोर्ड लाओ। किरण ने पुस्तक रखने के लिए एक टिकटी ली। अध्यापक के लिए मूढ़ा, चौकी या कुर्सी लाओ। आचार्यश्री के के लिए तख्ता लाओ। संगीता को चावल अच्छे नहीं लगते । पत्नी पति पर क्यों गुस्सा कर रही थी ? विजया मेरे से ईर्ष्या करती है । मैंने यह बात गुरुदेव से निवेदन कर दी। अहंतों को मेरा नमस्कार हो । कुसुम कुसुम को चाहती है। प्राणियों का सुख हो। तुम्हारा हित हो। सोहन भोजन के लिए जाता है। रमेश रमा से सौ रुपये ऋण लेता है। यह लकीर छोटी है। विजय तिपाई पर बैठा है । विद्यार्थी जोड, बाकी, गुणा, भाग, रेखागणित और बीजगणित नहीं जानता है । विमला को हिसाब मिलाना नहीं आता। इस कक्षा में आज कितने विद्यार्थियों की अनुपस्थिति है ? जो सत्य कहता है वह भगवान के • तुल्य है । असत्य मत बोलो। जो सत्य बोलेगा उसकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
अभ्यास १. निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध करोसाधं भिक्षां देहि । वीरेन्द्रः दुग्धं रोचते । मधुकर: गुरुं निवेदयति । नरेन्द्रः
तं कुप्यति । नमः त्वाम् । मोहनः भद्रं भूयात् । गुरुं द्रुह्यति ।। २. हित, अनुगृणाति स्पृह., श्लाघते, असूयति, रोचते, क्रुध्यति, नमः, तिष्ठते; स्वदते, क्षमः--इनके योग में चतुर्थी विभक्ति किन-किन नियमों से होती
२. निम्नलिखित शब्दों को वाक्यों में प्रयोग करो
व्रजति, कुशलम्; कृते, क्षमः, क्रुध्यति, रोचते, स्पृहयति, अनुगणाति । ४. मधु और कर्तृ शब्द के रूप लिखो। ५. निम्नलिखित शब्दों के संस्कृत रूप लिखो___ टिकटी, चौकी, कलम, कुर्सी, बेंच, जोड, बाकी, रजिस्टर, पेंसिल । ६. त्यज और भूष धातु के रूप लिखो।