________________
वाक्यरचना बोध
मर्कटः। बिना प्रयोजनं मा हस। रमा दधि कदा अभक्षत् ? जैनमुनयः रात्रौ न पयन्ति । सा नयनं अमीलत् । मुनिः शीलति । शिशुः जीवति ।।
___ संस्कृत में अनुवाद करो। कार्यालय को जाओ। क्या तुम बर्फ खाओगे ? जेल के पास एक म्युजियम है। अस्पताल के चारों ओर वृक्ष हैं। न्यायाधीश कचहरी को कब जायेंगे ? डाकिया डाकघर को कब आयेगा? चूंगीघर के चारों ओर मकान नहीं है। इस कैदी को जेल में ले जाओ। मैदान के दोनों ओर क्या है ? साधुओं में आचार्य प्रमुख है। उसकी साक्षी कौन देगा? तुम्हारी जामिन कौन लेगा? विद्यार्थी ने अध्यापक को अर्जी दी थी। तुमने पुलिस को घस दी थी। कारखाने से लेकर मेरे घर तक मकान ही मकान है। मझे क्या बक्शीश दोगे ? लाडनूं के ऊपर-ऊपर वायुयान उड़ रहा है। गृहस्थ से साधु श्रेष्ठ है। गंगा और यमुना के बीच में प्रयाग है। गांव और विद्यालय के बीच में जल है। नास्तिक को धिक्कार है। संसार के ऊपर-ऊपर सूर्य हैं। गांव के नीचे-नीचे जल है। धर्म के बिना सुख नहीं मिलता। मां आसन पर बैठी है । दादाजी घर में सोए हैं। उसने १२ वर्ष तक अध्ययन किया। वह पांच दिन तक लिखता है। साधु कोस भर चलता है। द्रौपदी क्यों हंसी ? माताजी ने दही क्यों नहीं मथा ? क्या रमेश गांव गया था ? शीला समाधि में है। जब तुम यहां आए थे मेरे मामा जीवित थे।
अभ्यास (१) निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध करो--
नद्याः परितः वृक्षाणि सन्ति । ग्रामस्य निकषा एकः विद्यालयोऽस्ति । नगरस्य समया एकं शिल्पगृहं अस्ति । रामे मोहने च अन्तरा सोहनोऽस्ति । धिक् मिथ्यादृष्टेः । गृहस्य सर्वतः, उभयतः, अभितः परितो वा
नराः सन्ति । उपगणीशस्य श्रमणाः। (२) निम्नलिखित शब्दों को वाक्यों में प्रयुक्त करो
पत्रालयः, न्यायालयः, शिल्पगृहम्, कारागृहम्, निबन्धपुस्तकः, अध्यधि, अधोऽधो, निकषा, हा, अन्तरा। अभितः, परितः समया, अन्तरेण, येन, तेन इन शब्दों के योग में किस
नियम से द्वितीया विभक्ति होती है। (४) नियम सं० १०५ (कालाध्वनोरत्यन्तसंयोगे) के तीन वाक्य बनाओ। (५) क्रियाविशेषण के चार वाक्य बनाओ।
६) कर्म कितने प्रकार के हैं ? प्रत्येक के दो-दो उदाहरण लिखो। (७) आधार की कर्म संज्ञा करने वाला कौन-सा नियम है ? उसके दो
वाक्य बनाओ।