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स्त्रीप्रत्यय (१)
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प्रयोगवाक्य भूपः सर्वाः भूमी: अधिकरोति । या बाला अत्र समागच्छत् सैव तत्रागमत् । मम एका ज्येष्ठा एका च कनिष्ठा भगिनी अस्ति । अस्य पुस्तकस्य कारिका पाठिका च का अस्ति ? रोग ही औषधिः का विद्यते ? इमां कवितां की बालिका सुन्दरी नास्ति । भ्रात: ! त्वं मा शुच । गर्दभः लोटति । मोहनः चोपति । अग्निः तृणानि ओषति प्लोषति वा । दुग्धः बालस्य शरीरं पोषति । कि सोहनः प्राकृतं बोधति ? मुनिः केशान् लुञ्चति ।
संस्कृत में अनुवाद करो खाट पर कौन सोया है ? बकरी खेत में है। भेड कूए पर है । घोडी सुन्दर है । कोयल मधुर गाती है । चिडिया वृक्ष पर बैठी है। बछडी गाय का दूध पीती है। देवता भी त्यागियों को नमस्कार करते हैं। सूर्य पूर्वदिशा में उगता है और पश्चि नदिशा में छिपता है। उत्तरदिशा की ओर सिर कर नहीं सोना चाहिए। तुम गाय का दूध पीते हो या भैस का । मुनियों के लिए पृथ्वी सुन्दर शय्या है। रात में तुम कहां गए थे ? कुमारी लड़कियां कहां खेलती हैं ? कुतिया के कितने बच्चे हैं ? चन्द्रमा की चांदनी सभी का मन हरती है । साध्वियों में कौन विदुषी है ? तुम शोक क्यों करते हो ? कुत्ता घर में ही लोटता है । चोर धीरे-धीरे चलता है। वन में आग जलती है। फलों का रस मनुष्यों को पोषण देता है। क्या तुम संस्कृत जानते हो ? क्या तीर्थंकर लोच करते हैं ?
अभ्यास १ निम्नलिखित वाक्यों में शुद्ध, अशुद्ध बताओएतासु मध्यमं कन्यं कथय । दण्डिनी कदा वनमव्रजत् । किं सा भवती स्वसा अस्ति ? पुस्तकं पठन्तीं सा कदा अस्वपत् । इमा तापसी असुंदरा
चकास्ति । मातुलि ज्ञापय साध्व्यो तव गृहे भिक्षार्थमागमताम् । २ निम्नलिखित शब्दों के स्त्रीलिंग के रूप बताएं
अज, मंद, अश्व, भवत्, विद्वस्, पचत्, पठत्, कारक, पाठक, मूषक, बाल; मंद, श्वन्, दण्डिन् । ३ बहुराजन् का स्त्रीलिंग में क्या रूप बनेगा ? ४ शत प्रत्ययान्त शब्दों के स्त्रीलिंग में किस नियम से क्या रूप बनता है ? ५ नीचे लिखे शब्दों में किस नियम से और किस प्रत्यय से ईप हुआ हैकुरुचरी, भिक्षाकी, तापसी, स्त्रणी, आक्षिकी, याष्टीकी, वराकी, वैनतेयी,
शैलेयी, जित्वरी। ६ निम्नलिखित शब्दों के संस्कृत रूप लिखो__ घोडी, चूहिया, कोयल, कुतिया, भेड, बकरी, रात, भैंस, पूर्वदिशा। ७ एक, द्वि, त्रि और चतुर् शब्दों के तीनों लिंगों के रूप लिखो।