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काल ३ (भविष्यत् काल)
२३ वर्तमान जब प्रत्याहार को बम परे हो तो अम (वर्ग का पांचवां अक्षर) विकल्प से होता है। जैसे—एतद्+मुरारिः=एतन्मुरारिः, एतमुरारिः । वाग्+मधुरा - वाङ्मधुरा, वाग्मधुरा।
नियम ३५-(प्रत्यये १।३।२) पद के अन्त में जब प्रत्याहार हो तो उसको नित्य नम होता है, यदि प्रत्यय का अम आगे हो तो। षड्+नाम् = षण्णाम् । वाङ्मयम् ।
नियम ३६-(जबाद्धो झभाः ११३।४) यदि पद के अन्त में जब प्रत्याहार हो, उससे आगे 'ह' हो तो उसे झभ (वर्ग का चौथा अक्षर) विकल्प से हो जाता है । नजदीक में जिस वर्ग का जब हो उसी वर्ग का झभ हो जाता है । जैसे-तत्+ हितम् = तद्धितम्, तहितम् । वाक् +हरिः- वाग्धरिः; वाम्हरिः।
प्रयोग वाक्य पिता नीरं पास्यति । भ्रातरौ गृहं गमिष्यतः। जामातारः किं करिष्यन्ति ? भर्ता किं लेखिष्यति ? त्वष्टा धनं हरिष्यति । नप्ता गृहे स्थास्यति । भूपतिः शत्रून् जेता। सविता तमः हर्ता। याता कूपात् नीरं भर्ता । क्रीडाक्षेत्रे किं भविता ? मातृष्वसा मह्यं किं दाता ? यदहं गृहं अगमिष्यम् तदा पुस्तकं प्राप्स्यम् । राजपुरुषः यच्चौरान न्यग्रहीष्यत् तदान्यायोऽन्तमगमिष्यत् । अग्रजः चेत् तथाविधां चेष्टा नाकरिष्यत् तदा नैवंविधो विद्वान् अभविष्यत् । यदि सहोदरः श्रमं अकरिष्यत् तदाऽवश्यं सफलोऽभविष्यत् ।
संस्कृत में अनुवाद करो मेरा छोटा भाई कविता करेगा। मां तप करेगी। राजा शत्रु को जीतेगा । देवर पुस्तक पढेगा । ननंद वस्त्र धारण करेगी। पिता पुत्र को याद करेगा । वृक्ष पर पक्षी बोलेंगे । तुम्हारा चचेरा भाई लेख लिखेगा। गुरु दुःख का हरण करेंगे। नाना प्रातः गुरु का स्मरण करेंगे। परनाना खेत में पानी देंगे। यदि तुम भगवान् का स्मरण करते तो स्वस्थ हो जाते । यदि दादा क्रोध को जीत लेते तो सफल हो जाते । यदि वह धर्म करता तो सुखी होता। यदि परदादा विद्वान् होते तो अभिमान नहीं करते। यदि मेरा भाई नम्र होता तो मूर्ख नहीं रहता। यदि वर्षा होती तो सुकाल होता।
अभ्यास १. संधि करो-एतत्+हि, कतिचिद् +नियमाः, अवदीद्+निकषात्म
जन्मा, तद्+माधुर्यम्, असकृद्+निषिद्धः, वाग्+नयति, ककुब्+ हासः ।