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वाक्यरचना बोध
शब्दों से आगे 'इति' शब्द हो तो संधि विकल्प से होती है। जैसे-साधो+ इति --- साधविति, साधो इति ।
प्रयोगवाक्य गुरुः शिष्यमस्मरत् । दिनेशः गुरुमस्मार्षीत् । मुनिः भगवन्तं महावीर सस्मार । विहगः अस्वरत् । सः पुस्तकमपठत् । अहं व्याकरणमपाठिषम् । किं भिक्षुस्वामी संस्कृतं पपाठ ? सर्पः असरत् । धनपाल: लेखनी आर्च्छत् । रामः विजयं आर । नदीमतरत् हरिषेणः । हनुमान: सिन्धुं ततार। तुरगः अधावत् । कुक्कुरः नीरमपात् । नृपः रिपुमजयत् । भोजः कालिदासाय धनं ददौ ।
संस्कृत में अनुवाद करो तुमने क्या याद किया ? रमेश ने कल क्या पढा था ? युधिष्ठिर ने सत्य का पाठ पढा । किसने स्वर किया ? किस लडके ने कल नदी को तैरा ? कल का पाठ किसने शीघ्र याद किया ? कवि को क्या मिला ? उसने सुख के लिए जिनेश्वरदेव को याद किया। वह अभी गया। वृक्ष पर पक्षी बोले । हेमचन्द्राचार्य ने भगवान का स्मरण किया। उसने बच्चे को क्या कहा ? क्या भिक्षु स्वामी ने दूध पीया था ? मोहन ने पुस्तक कब पढी ? भारमल स्वामी ने सब कुछ सहा । राम ने गंगा को कब तैरा ?
अभ्यास १. भूतकाल में कौन-कौन सी विभक्तियां प्रयोग में आती हैं ? २. अनद्यतनभूत का समय कौन सा है ? ३. दिबादि और द्यादि में क्या अन्तर है ? ४. णबादि विभक्ति का प्रयोग कहां होता है ? ५. कौन-कौन से नियम से इन की संधि होती है और क्या रूप बनेगा ?
उताहो+- इदम्, पटो+इति, अहो+ईशाः, कुण्डे+अत्र, अथो+अस्मै,
अमू+इति, अघो- एहि । ६. स्मृ और त धातु के दिबादि और णबादि के रूप लिखो। ७. निम्नलिखित शब्दों के संस्कृत रूप लिखो__हवा, बाण, चन्द्रमा, बालक, समुद्र, चूहा, सूर्य । ८. मुनि, पति और सखि शब्दों के रूप लिखो।