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वाक्यरचना बोध
चर्चायां सः मोदं अलभत । भ्रातुः पीडां विलोक्य सा रुरोद । तस्य कुत्, रुक च भयंकरोऽस्ति । आचार्यस्य दृक् दूरदशिनी भवति । धनस्य हानिः तं विक्षिप्त मकृत । साधोः कथां श्रोतुं बहवः जनाः समाययुः । सत्यस्य श्रुतिः दुष्कराऽस्ति । ज्ञानस्य लब्धि कुरु। आचार्यस्य कृतिः सर्वेभ्यः रोचते । दुष्टानां निग्रहीतिः नृपस्य प्रथमं कर्तव्यमस्ति।
___ संस्कृत में अनुवाद करो ___ संसार में अनेक पक्षी हैं। क्या कबूतर रात्रि में कुछ खाता है ? घोसले में चिडियां हैं। कोयल मधुर बोलती है। हंस में दूध और पानी को अलग करने की शक्ति होती है। इस वृक्ष पर तोता और मैना बैठी है । कौवे की वाणी किसी को अच्छी नहीं लगती। आकाश में अनेक चील और गिद्ध उड रहे हैं। उल्लू को रात में दिखाई नहीं देता । चातक तालाब और नदी का पानी नहीं पीता । मोर सांप का शत्रु है। भौंरा फूल का रस पीता है। टिड्डियों का समूह कहां जा रहा है ? मधुमक्खियों के काटने से उसके शरीर में सूजन हो गई । क्या तुमने हंसी, नीलकंठ, कठफोडा, और खंजन को देखा है ?
क्ति प्रत्यय का प्रयोग करो चौरों के द्वारा धन का हरण करना दु:खद बात है। आचार्य का चुनाव निपुणता से होता है। तीर्थंकरों की स्तवना हर व्यक्ति के लिए संभव नहीं है। वर्षा का होना सुकाल का सूचक है।
अभ्यास १. निम्नलिखित शब्दों के संस्कृत रूप बताओ
बगुला, मैना, बाज, उल्लू, भौंरा, हंसी, मोर, नीलकंठ । २. निम्नलिखित शब्द किस धातु से और किस प्रत्यय से बने हैं, बताओ?
श्रुतिः, परिसर्या, प्रशंसा, वशा, तुला, पूजा, लू:, हानिः । ३. भावाकों में कौन-कौन से प्रत्यय होते हैं ? "