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सन्नन्त १
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नियम ५१३– (रभलभशकशक्लृपतपदामिः
४।१।१३७)
धातुओं के स्वर ( अ ) को इकार हो जाता है, द्वित्व नहीं होता । रभ्– आरिप्सते । लभ् – लिप्सते । शक्, शक्लृ — शिक्षति । पत्पित्सति । पद् - पित्सते ।
इन
प्रयोगवाक्य
अहं विद्वान् बुभूषामि । अस्मिन् देशे को भ्राता तिष्ठासति ? विद्यार्थी विद्यां अरिरिषति । बालकस्य स्पष्टोक्तिं श्रुत्वा मोहन: सिस्मयिषते । कृषकः क्षेत्र पिपविषते । पूर्व कल्मषं दूरीकृत्य सोहनः अञ्जिजिषति । मुनिः उत्तरीयपटं सुयूषति सिसेविषति वा । तारागणः निशायां दुद्यूषन्ति दिदेविषन्ति वा । अर्थ लोभी दुग्धे जलं यूपति यियविषति वा । साधुः इन्द्रियाणि जिगीषति । मालाकारः श्वेतपुष्पाणि चिचीषति । अहं पार्श्वनाथं तुष्टृषामि । पिपासुः शीतलं जलं पीत्वा तुतूषति । किंस घोरपापैः दिदरिद्रासति ? (पाश्चात्यदेशे जैनधर्मं कः तितनिपिस्यति ? त्वं किं लिप्से ?
१. हिन्दी में अनुवाद करो—
सर्वं ज्ञीप्सति पुण्यमीप्सति दयां धित्सत्यघं भित्सति, क्रोधं दित्सति दानशीलतपसां साफल्यमादित्सति । कल्याणोपचयं चिकीर्षति भवाम्भोधेस्तटं लिप्सति, मुक्तिस्त्री परिरिप्सते यदि जनस्तद् भावयेद् भावनाम् ||१||
संस्कृत में अनुवाद करो ( सन्नन्त के प्रयोग करो)
तुम क्या बनना चाहते हो ? मैं यहां बैठना चाहता हूं । ये लोग कहां जाना चाहते हैं ? क्या तुम जलना चाहते हो जो कि आग के पास बैठे हो ? सभी हंसना चाहते हैं, रोना कोई नहीं चाहता । वे तुम्हें कहां ले जाना चाहते हैं ? रसोइया आज क्या पकाना चाहता है ? कितनी बहिनें संस्कृत और प्राकृत पढना चाहती हैं ? बालिका नदी में पत्थर फेंकना चाहती है । तुम आचार्य श्री को क्या कहना चाहते हो ? हरिजन मंदिर में प्रवेश करना चाहते
बालक पानी पीना चाहता है ।
हैं । पति पत्नी को क्यों छोड़ना चाहता है ? विमला कमला से क्या पूछना चाहती है ? मैं संघविरुद्ध बातें नहीं सुनना चाहता हूं । बच्चा रात्रि को कहां चलना चाहता है ? तुम प्रातः कहां घूमना चाहते हो ? भूखा व्यक्ति भोजन खाना चाहता है । प्यासा व्यक्ति पानी पीना चाहता है । वह पहाड़ से गिरना चाहता है । डाकू उसको मारना चाहते हैं । स्त्रियां पानी भरना चाहती हैं । ग्वाला दूध में पानी मिलाना चाहता है । वृक्ष की शाखाएं फैलना चाहती हैं। मुनि मुक्ति स्त्री का वरण करना चाहते हैं । जनता किसको चुनना चाहती है । राजा शत्रुओं को जीतना चाहता है ।
अभ्यास