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वाक्यरचना बोध
सुनकर भी वह नहीं रोई। यदि तुम कार्य में सफल हो जाते तो नहीं रोते । आचार्य श्री कब सोते है ? मैं यहाँ नहीं सोऊंगा। मोहन कल कहां सोया था ? आकाश में सूर्य चमकता है।
अभ्यास १. हिंदी में अनुवाद करो
अहो ! अयं काणेरोऽपि काणोऽस्ति । तस्य कुत्सिताचरणं दृष्ट्वा सोऽवदत् अयं दौष्कुलेयोऽस्ति । कोलीनः कदापि एतादृक् कार्यं न करोति । मोहनः विपणिमार्गे श्वशुर्यमपश्यत् । रामेयः कुत्र अवजत् ? छोगेय: कालुः तेरापथस्य अष्टमः आचार्यः आसीत् ।।
२. निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग करो और बताओ किस शब्द से कौन सा प्रत्यय किस अर्थ में हुआ है ?
आहेयः, शैलेयः, रामेशिः, कानीनः, मानुषः, दुष्कुलीनः, गौप्तेयः, भ्रातृव्यः ।
३. तद्धित किसे कहते हैं ? ४. गोत्र का प्रारंभ कहां से होता है ?
५. पुत्र (अपत्य) के अर्थ में अकारान्त शब्दों से कौन सा प्रत्यय होता है ? गौत्र अर्थ में किन शब्दों से कौन-कौन से प्रत्यय होते हैं ?
६. निम्नलिखित शब्दों के संस्कृत रूप बताओ
पाव, सेर, मन, ईंच, फुट, मील, रती। ७. रुद्, ष्वप् और चकासृक् धातु के द्यादि के रूप लिखो।