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उपसर्ग
१२६ सहरति = संहार करना
अध्याहरति -ऊपर से लेना अनुहरति -- सदृश होना . परिहरति छोडना विहरति --विहार करना - उपहरति -- भेंट करना आहरति -- आहार करना अवहरति -निकालना अभ्यवहरति -खाना
नयति ले जाना समभ्यवहरति = खाग
आनयति लाना व्याहरति -- बोलना
प्रकरोति -- करना। उपसर्ग से परस्मैपदी धातु आत्मनेपदी बन जाती है और आत्मनेपदी परस्मैपदी । देखें पाठ ६० और ६१ । उपसर्ग के संयोग से धातुओं के अर्थ के लिए देखें परिशिष्ट नं० ५।
प्रयोगवाक्य अन्त्यजेन सह मनुष्यवत् आचरणीयम् । चर्मकारः निर्माति दृतिम् । संमार्जकः शौचालयं संमार्जति । अजाजीव: अजान चारयितुं क्षेत्रे नयति । मायाकार: दर्शयति स्वहस्तलाघवम्। अस्मिन् नगरे कियन्तः संति शौण्डिका: ? कर्मकरः कार्यं तु करोति परन्तु स्वाभिमानेन । भारवाहः वहति केवलं भारम् । मालाकारः मालां ग्रथ्नाति विचित्रपुष्पैः । कुलालो भूत्वा कथं न निर्माति घटम् ? लेपक: भीति लिप्यति । प्रेष्यः आगन्तुकं किं कथयति ? मासावसाने वैतनिकः याचते स्ववेतनम् । तस्कर: नगरे कदा प्रविष्ट: ? पाटच्चरः दिवसे एव लुटयति इभ्यान् । मृगयुः वागुरां विस्तारयति मृगयार्थम् । ग्रंथिभेदकस्य किं कार्यमस्ति ? सीता फलमभ्यवहरति । पश्यतु कस्मात् कारणात् अध्यापक: प्रहरति रामचन्द्रम् । विहरन्ति साधवः अनुचतुर्मासं ग्रामानुग्रामम् । अपहरणकर्तारः वायुयानमपि अपहरन्ति शस्त्रशक्त्या। रात्री मुनयः नाहरन्ति । सुशीला मधुरं व्याहरति । परैः सह सम्यक् व्यवहरति स एवा सदगहस्थः । वाक्ये कर्तारं वा कर्म अध्याहरति । परद्रव्यं परिहरति आचार. वान् । मुनिधर्मचन्द्रः मुनिश्रीचन्द्रमनुहरति । आपणात विद्यार्थी पुस्तकानि आनयति ।
संस्कृत में अनुवाद करो शूद्र, चमार और भंगी भी धर्म कर सकते हैं। बहेलिया तोतों को पकड़ने के लिए जंगल में गया था। गडरिया गायों को खेतों में चराता है। जादूगर क्या दिखाता है ? शराब बेचने वालों के पास इतने व्यक्ति क्यों बैठे हैं ? रमेश के घर में कितने नौकर हैं ? कुली कितना भार उठायेगा ? माली बगीचे में फूल चुनता है । कुम्हार मिट्टी का घड़ा बनाता है। पुताईवाला कहां गया है ? इस स्कूल का चपरासी कौन है ? सुरेश की दूकान पर कितने नौकर वेतन पर नियुक्त है ? चोर और डाक भी सत्संगति से साधु बन जाते