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वाक्यरचना बोध
पवनेन कम्पमानास्तरव:, एजगाना: शाखा:, वेपमानानि दलानि, विकास .गच्छन्ति कुसुमानि, उद्भवन्ति फलानि, प्रसरश्च परिमलः, किं नारामस्य महिसानं वितनुयात् । अद्य नगरे बहवः जनाः वसन्ति । अस्मिन् ग्रामे त्वं कुत्र अवात्सी: ? श्यामः अत्र क्व वत्स्यति ? चेत् सोहनः इह अक्स्स्यत् तदा स: उन्नति अकरिष्यत्।
संस्कृत में अनुवाद करो साधु भूमि पर ईर्यासमिति देखते जा रहे थे। दुकानों में वस्तु को बेचते हुए लोगों ने खडे होकर साधु का अभिवादन किया। खेलते हुए लडकों ने पैर छूकर नमस्कार किया। वन्दन पाठ को स्मरण करती हुई स्त्रियों ने भी साधु का सत्कार किया। महेश तुष्ट होता हुआ घर आया । वीरेन्द्र ने तैरते हुए नदी को पार किया। लोहार धमनी से शब्द करता हुआ काम कर रहा था। सतीश बहिन को ससूराल छोडता हुआ घर जायेगा। लक्ष्मण फल सूघता अच्छे व्यक्ति बुरे लोगों के साथ नहीं रहते । सुरेन्द्र यहां नहीं रहेगा। यदि तुम मेरे साथ रहते तो अच्छे बन जाते ।
अभ्यास १. निम्नोक्त वाक्यों को शुद्ध करो -- जयती सेनां पश्य । दानं ददन्ती राज्ञी मुमुदे। हसन्तो बालकान् इह आनय । रुदन्तीं कन्यां प्रपृच्छ। धर्ममधीयमानो लोकः सुखी भवति । पठती बालां कः उपालम्भेत् । २. युष्मद् शब्द के रूप लिखो। ३. दह धातु के रूप लिखो।
- अभ्यास १. निम्नोक्त वाक्यों को शुद्ध करो-- जयती सेनां पश्य । दानं ददन्ती राज्ञी मुमुदे। हसन्तो बालकान् इह आनय । रुदन्ती कन्यां प्रपृच्छ। धर्ममधीयमानो लोकः सुखी भवति । . पठती बालां कः उपालम्भेत् । २. युष्मद् शब्द के रूप लिखो। ३. दह धातु के रूप लिखो। ४. शत. शान प्रत्यय के बारे में तम क्या जानते हो? प्रत प्रत्यय के रूप