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कर्ता का क्रिया के साथ अन्वय
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अच्छा नहीं लगता? आचार्यश्री की वाणी का आस्वादन करो। वृक्ष बढता है । सूत्र सूत्र को बाधता है। संन्यासी शिखा धारण करता है। वह क्यों कांपती है ? बहू लज्जित होती है। राम धन पाता है । मुनि दूसरे के कठोर वचन को भी सहन करते हैं । मैं प्रसन्न हूं। शास्त्रों में पुरुषों के लिए बत्तीस और स्त्रियों के लिए अट्ठाईस कोर का विधान है । गुरु ने शिष्य से पूछा-तुम इतने बडे कैसे खा गये ? प्राकृतिक चिकित्सक कहते हैं रोटी और साग अलग-अलग खानी चाहिए। प्राचीनकाल में मुनिजन एक समय भोजन करते थे। समुद्र का पानी खारा होता है । शंकर को जलेबी, मक्खन, घी, दूध और दही अच्छे लगते हैं । देवकी ने आये हुए मुनियों को भक्तिभाव से लड्डू दिये । अशोक के घर आज अनेक पकवान बने हैं । उसका शरीर स्पन्दित हो रहा है । तुम मुझे क्या दोगे?
अभ्यास १. नीचे लिखे नियमों का भाव बताओ और एक-एक वाक्य बनाओ।
च, द, प, ठ, ग, घ, झ, ण । २. निम्नलिखित शब्दों के संस्कृत रूप लिखें
बडा, खांड, जलेबी, घी, लड्डू, मट्ठा, कचौडी, रायता, प्यासा, भूखा । ३. तत्, यत् और एतत् शब्दों के रूप लिखो। ४. यतीङ् धातु के रूप लिखो। ५. निम्नलिखित वाक्यों में शुद्ध, अशुद्ध बतायेंपितरो गच्छन्ति । छात्रद्वयं पठन्ति । वर्षाः वर्षन्ति । अप्सरसः क्रीडति । प्राणाः गच्छति । आप: वहति ।