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________________ ठाकुर को प्रतिबोध । त्रिस्तुतिकों के साथ शास्त्रार्थ और विजय । रतलाम में चातुर्मास । वि. सं. १९८० बंग देशकी ओर विहार । कलकत्ते में चातुर्मास, ... उपाश्रय, ज्ञान,-मंदिर, हिन्दी साहित्य प्रकाशन आदि कार्यों के लिए उपदेश द्वारा विशाल निधि । वि. सं. १९८१ पवित्र कल्याणक भूमियों की स्पर्शना, अजीमगज में चातुर्मास । अपूर्व शासन प्रभावना, बाबू परिवार में धर्म जागृति, जैन हिन्दी साहित्य के लाभार्थ फंड । वि. सं. १९८२ सादडी में चातुर्मास, पोरवाल संघका समाधान । शेषकाल में दिगंबरों तथा तेरापंथियों से शास्त्रार्थ और उन · पर विजय । उपधान तप की आराधना । वि. सं. १९८३ दिगंबरों के उत्पात के बीच श्री केशरीयाजी तीर्थ ... में ध्वजदंड आरोपण, प्रतिष्ठा । उदयपुर में चातुर्मास । धर्म जागृति के लिए 'श्री जैनामृत समिति' नामक संस्था की स्थापना । .... . वि. सं. १९८४ श्री तारंगाजी तीर्थ में उद्यान में स्थित देवकुलिका में माघ वदी (शास्त्रीय-फाल्गुन वदी) ५ को श्री अजितनाथ भगवानकी पादुका की प्रतिष्ठा । अहमदाबाद में चातुर्मास । सेठ माणिकलाल मनसुख भाई की ओर से अपूर्व रीति से
SR No.032387
Book TitleAgamdharsuri
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKshamasagar
PublisherJain Pustak Prakashak Samstha
Publication Year1973
Total Pages310
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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