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नमो पुरिसवरगंधहत्थीणं ६७२ | लिया। गुरुदेव की निर्मलता और वाणी का मुझ पर बहुत असर पड़ा।
-संघपति, जामनेर ओसवाल श्री संघ
जामनेर, (महाराष्ट्र) भविष्य ज्ञाता
• श्री मोतीलाल गांधी, अध्यक्ष परम पूज्य आचार्यप्रवर श्री हस्तीमलजी मा. साहब हीराचन्द्रजी महाराज सा. आदि सन्तों के साथ प्रचार करते नागपुर से जलगाँव चातुर्मास हेतु विहार करते हुए वर्धा पधारे। हमारा संघ वर्धा में विनति करने गया। संघ की आग्रहभरी विनति स्वीकार कर चक्कर पड़ते हुए भी हमारे ग्राम रालेगांव पधारने की कृपा की। ग्राम के नवयुवक दर्शन हेतु स्थानक में आये। मैंने परिचय दिया। मेरे पुत्र मोहन गांधी का भी परिचय दिया। आचार्य श्री ने नजर उठाकर देखते ही यह टिप्पणी की “आपके नयनों की चंचलता देखते आप खेतीबाडी में सीमित नहीं रहोगे।" वकील होने पर भी वकालात करने की भावना नहीं थी। दूसरा व्यवसाय कहाँ पर कौनसा करना फिकर रहती थी। थोडे दिनों बाद में ही सभी संयोग बनकर आये। यवतमाल शहर में मकान, दुकान तथा व्यवसाय बहुत अच्छे से चलने लगा। हमें बडा आश्चर्य हुआ। जिसको जन्म से देखते आये जान न सके , आचार्य प्रवर ने देखते ही क्षण मात्र में टिप्पणी की, जो सही निकली। यह प्रत्यक्ष में मेरी नजरों के सामने घटित घटना है। ऐसे महान् आचार्य को कोटिश: वंदन।
श्री.वर्ध. स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, रालेगांव जि. यवतमाल (महाराष्ट्र राज्य)