________________
द्वितीयमध्ययनं द्विस्थानकम् । प्रथम उद्देशकः ।
३३
संजोयणाधिकरणिया चेव णिव्वत्तणाधिकरणिया चेव ।
दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा-पाओसिया चेव पारियावणिया चेव। पातोसिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-जीवपाओसिया चेव अजीवपाओसिया चेव । पारियावणिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहासहत्थपारियावणिया चेव परहत्थपारियावणिया चेव ।।
दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा-पाणातिवायकिरिया चेव अपच्चक्खाणकिरिया चेव । पाणातिवायकिरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहासहत्थपाणातिवायकिरिया चेव परहत्थपाणातिवायकिरिया चेव । अपच्चक्खाणकिरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-जीवअपच्चक्खाणकिरिया चेव अजीवअपच्चक्खाणकिरिया चेव । ___ दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा-आरंभिया चेव पारिग्गहिया चेव। आरंभिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-जीवआरंभिया चेव अजीवआरंभिया चेव । एवं पारिग्गहिया वि ।
दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा-मायावत्तिया चेव मिच्छादसणवत्तिया चेव । मायावत्तिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-आयभाववंकणता चेव परभाववंकणता चेव । मिच्छादसणवत्तिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहाऊणाइरित्तमिच्छादसणवत्तिया चेव तव्वइरित्तमिच्छादसणवत्तिया चेव । ___दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा-दिट्ठिया चेव पुट्ठिया चेव । दिट्ठिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-जीवदिट्ठिया चेव अजीवदिट्टिया चेव । एवं पुट्ठिया वि । ___ दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा-पाडुच्चिया चेव सामंतोवणिवाइया चेव। पाडुच्चिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-जीवपाडुच्चिया चेव अजीवपाडुच्चिया चेव । एवं सामंतोवणिवाइया वि ।
दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा-साहत्थिया चेव णेसत्थिया चेव। साहत्थिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-जीवसाहत्थिया चेव अजीवसाहत्थिया चेव । एवं सत्थिया वि ।