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શ્રી ભિખુ પષ્ટિપૂતિ સ્મરણિકા: ૧૭૩ साथ साथ हिन्दी और अंग्रेजी भाषा का भी अध्ययन आते थे और वे बहुत लोकप्रिय लेखकों में से थे। हुआ। उन्होंने “ न्यायतीर्थ वक्तृत्व भूषण" की गुरुकुल हमारा उनका सम्बन्ध बहुत ही स्नेहयुक्त था। की उपाधियां प्राप्त की थी।
जब मैं पर्युषण-व्याख्यानमाला के लिए अहमदाबाद में उनका बचपन का नाम श्री. भिखालाल था। व्याख्यान के लिऐ जाता था तब मैंने उन्हें कुछ लोकउनका विवाह विजया बहिन सेठ के साथ हुआ था। कथाएं कही थी उसके आधार पर उन्होंने कहानियां जयमिक्खु नाम पत्नी का “ जय" और भिखालाल लिखी थी और उसका उल्लेख भी किया था। का “भिक्खु" मिलकर उन्होंने प्रचलित किया।
जब वे दो साल पहेले उनकी हीरक जयन्ती के शिक्षा पूर्ण होने पर उन्हें विदेशों मे जैन धर्म समय बम्बई आये थे और मै ने फोन किया तो बताया प्रचार के लिए भिजवाने की योजना थी, पर वह किसी कि आज ही “अखण्ड आनन्द" में मैंने ‘प्यारे कारण से पूरी नहीं हो सकी तो १९३३ में अहमदा- राजा बेटा' के दो दोस्त की कहानी के आधार पर बादमें आ बसे और लेखन का व्यवसाय शुरू किया। अक कहानी लिखी है। माँ सरस्वती की सेवा में ही अपनी सारी शक्ति और जैसे उनके जाने से गुजराती साहित्य की बहुत समय लगा दिया। उन्होंने यह निश्चय कर लिया था बडी क्षति हुई, जैन साहित्य के उत्तम कथाकार और कि सरस्वती की सेवा के प्रसाद के रूप में जो प्राप्त चरित्र लेखक के रूप में हानि हुई वैसे ही अक मित्र होगा उसी से जीवन निर्वाह चलावेंगे। यह साधना और समान विचारवाले साहित्यिक साथी की कमी कितनी कठिन थी पर माँ सररवती ने उन्हें कमी नहीं अपूरणीय है। पडने दी। उन्होंने अपने साठ साल पूरे होने पर
।। उन्हान अपन साठ साल पूर हान पर हम अपने मित्र के प्रति आदरांजलि अर्पण कर मनाये गये समारोह में कहा था कि, लोग कहते हैं।
परिवार के प्रति संवेदना प्रगट करते है। भगवान कि सरस्वती और लक्ष्मीका झगडा है पर मुझे माँ हम सबको उनकी कमी की पूर्ति करने की शक्ति दे। सरस्वती की सेवा में कोई कमी नहीं पड़ी।
-ऋषभदासजी रांका उनका लेखनक्षेत्र विशाल और व्यापक था।
जन जगत गुजरात के कई प्रतिष्ठित पत्रों में उनके नियमित लेख
Jay bhikhkhu :-A Popular Pen and
pleasing personality Mr. Balabhai Desai, the well books including novels, short stoknown Gujarati writer who wrote ries, essays and children's literature. under the penname of “Jai Bhi- He was also a popular newspaper khkhu," died of heart attack in columnist. Ahmedabad on Wednesday evening. He leaves his wife and a son. He was 61.
___Times of India. Jaj bhikhkhu wrote about 300